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भाजपा की दोहरी रणनीति, हरियाणा से बिहार व पंजाब तक सियासी संदेश

दीनदयाल लाडो लक्ष्मी योजना

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मुख्यमंत्री नायब सैनी।
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सीएम सैनी जल्द दिल्ली में पीएम-शाह से लेंगे टाइम, पहली किस्त दिलाने की तैयारी

हरियाणा सरकार की बड़ी राजनीतिक रणनीति, चुनावी वादे को मूर्तरूप देने की तैयारीहरियाणा सरकार की महत्वाकांक्षी ‘दीनदयाल लाडो लक्ष्मी’ योजना अब महज एक वेलफेयर स्कीम भर नहीं रह गई है, बल्कि भाजपा की चुनावी रणनीति का अहम हिस्सा बन चुकी है। मुख्यमंत्री नायब सैनी जल्द दिल्ली जाएंगे और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी व केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मिलकर इस योजना की पहली किस्त उनके हाथों से दिलाने का अनुरोध करेंगे।
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भाजपा की मंशा साफ है - इस योजना को हरियाणा तक सीमित न रखकर बिहार और पंजाब जैसे चुनावी राज्यों में भी संदेश पहुंचाना। 25 सितंबर को पंचकूला में राज्य स्तरीय समारोह में मुख्यमंत्री सैनी लाडो लक्ष्मी योजना का रजिस्ट्रेशन ऐप लॉन्च करेंगे। इस दिन सभी जिलों में मंत्रियों, सांसदों और विधायकों के जरिए भी यही ऐप लॉन्च कराया जाएगा, ताकि इसे एक बड़े सामूहिक कार्यक्रम का रूप दिया जा सके।

सरकार ने इस लॉन्च को लेकर इतनी गंभीरता दिखाई है कि 22 और 23 सितंबर की सार्वजनिक छुट्टियों के बावजूद समाज कल्याण, स्वास्थ्य और नागरिक संसाधन सूचना विभाग के अफसरों की ड्यूटी लगी रही। पोर्टल का काम पूरा हो चुका है और लॉन्चिंग से पहले हर स्तर पर इसकी टेस्टिंग करवाई जा रही है। मुख्यमंत्री नायब सैनी के लिए यह योजना उनकी राजनीतिक साख से भी जुड़ी हुई है।

भाजपा नेतृत्व उन्हें एक जनहितकारी और ठोस फैसले लेने वाले मुख्यमंत्री के रूप में प्रोजेक्ट करना चाहता है। यही वजह है कि सैनी खुद मॉनिटरिंग कर रहे हैं और किसी भी स्तर पर लापरवाही बर्दाश्त नहीं कर रहे। जानकारों का मानना है कि अगर यह योजना बिना अड़चनों के लागू हो जाती है तो सैनी न सिर्फ राज्य में अपनी पकड़ मजबूत करेंगे, बल्कि राष्ट्रीय नेतृत्व की नजरों में भी भरोसेमंद चेहरे के रूप में उभरेंगे।

चुनावी वादे को मूर्त रूप देने की हड़बड़ी

2024 विधानसभा चुनाव के दौरान भाजपा ने महिलाओं को 2100 रुपए प्रति माह देने का वादा किया था। बजट में इस मद के लिए 5000 करोड़ रुपए का प्रावधान भी कर दिया गया था। अब सरकार पहले ही साल योजना की शुरुआत कर जनता के बीच यह संदेश देना चाहती है कि भाजपा अपने वादों को निभाती है। माना जा रहा है कि यह कदम विपक्ष की उस आलोचना को कमजोर कर देगा जिसमें सरकार पर चुनावी घोषणाएं भूल जाने का आरोप लगाया जाता रहा है।

हरियाणा की योजना, राष्ट्रीय रणनीति

इस योजना के जरिए भाजपा एक डबल स्ट्रेटजी पर काम कर रही है। पहला, हरियाणा में महिला मतदाताओं को सीधे साधना। दूसरा, बिहार और पंजाब में चुनावी माहौल के बीच इसे मॉडल स्कीम की तरह प्रचारित करना। बिहार में चुनाव की घोषणा अक्टूबर में होने वाली है और भाजपा को उम्मीद है कि हरियाणा का उदाहरण वहां महिलाओं के बीच असर दिखाएगा। वहीं पंजाब में 2027 में चुनाव होने हैं, लेकिन भाजपा ने पहले से ही वहां प्रचार में इस योजना का हवाला देना शुरू कर दिया है। हरियाणा, देश का पहला ऐसा राज्य होगा, जहां महिलाओं को 2100 रुपये आर्थिक मदद की शुरूआत होगी।

21 लाख महिलाओं तक पहुंचेगा लाभ

योजना के पहले फेज में राज्य की करीब 21 लाख महिलाओं को शामिल किया गया है। इनमें उन परिवारों की महिलाएं हैं जिनकी सालाना आय एक लाख रुपए से कम है। 23 से 45 साल की 2 लाख 82 हजार 635 अविवाहित महिलाएं हैं, जो इसमें कवर होंगी। इसी तरह 18 लाख 16 हजार 621 विवाहित लाभार्थी महिलाएं हैं, जिनकी उम्र 23 से 60 साल है। 60 वर्ष की उम्र पूरी होने के बाद वृद्धावस्था पेंशन का लाभ आटोमेटिक तरीके से मिलना शुरू हो जाएगा।

विपक्ष पर दबाव, भाजपा को बढ़त

हरियाणा की सियासत में महिला मतदाता निर्णायक भूमिका निभाती हैं। विपक्ष लगातार भाजपा पर महिला सुरक्षा और रोजगार जैसे मुद्दों को लेकर हमलावर रहा है। लेकिन अगर लाडो लक्ष्मी योजना का शुभारंभ पीएम मोदी और अमित शाह से होता है, तो यह विपक्ष के लिए बड़ा झटका होगा। कांग्रेस और अन्य दलों के लिए यह चुनौती होगी कि वे इस पहल का मुकाबला किस तरह करें। खासकर तब, जब यह योजना सीधे महिलाओं की जेब तक पहुंचने वाली स्कीम है।

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