मुख्य समाचारदेशविदेशहरियाणाचंडीगढ़पंजाबहिमाचलबिज़नेसखेलगुरुग्रामकरनालडोंट मिसएक्सप्लेनेरट्रेंडिंगलाइफस्टाइल

चौ. बंसीलाल की विरासत पर भाजपा का दांव : जाट राजनीति की नयी बिसात

हरियाणा विधानसभा में याद किए गए चौ़ बंसीलाल, मुख्यमंत्री नायब सैनी ने दी श्रद्धांजलि
Advertisement

हरियाणा विधानसभा में पूर्व मुख्यमंत्री स्व़ चौ़ बंसीलाल को श्रद्धांजलि देना एक औपचारिक परंपरा नहीं थी। मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी और भाजपा सरकार ने इस मौके को भविष्य की राजनीति के ‘रोडमैप’ से जोड़कर इस्तेमाल किया। लोकसभा और विधानसभा चुनाव 2029 भले ही दूर लगें, लेकिन भाजपा ने यह साफ कर दिया है कि वह अभी से जाट वोट बैंक साधने और राजनीतिक आधार मजबूत करने की तैयारी कर रही है।

माना जा रहा है कि यह कदम सिर्फ सम्मान देने के लिए नहीं, बल्कि बंसीलाल की विरासत को अपने खेमे से जोड़ने के लिए उठाया गया सोचा-समझा कदम है। चौ़ बंसीलाल हरियाणा की राजनीति के सबसे बड़े स्तंभों में गिने जाते हैं। चार बार के मुख्यमंत्री और 11 साल से ज्यादा प्रदेश की कमान संभालने के दौरान उन्होंने प्रदेश को विकास के नये आयाम दिए। केंद्र में रक्षा, परिवहन और रेलवे जैसे मंत्रालयों का नेतृत्व किया। प्रशासन में पारदर्शिता और विकास का प्रतीक उन्हें माना जाता है।

Advertisement

हरियाणा के ग्रामीण अंचलों में आज भी उनकी छवि ‘विकास पुरुष’ और ‘हरियाणा के निर्माता’ की है। अकेले जाट ही नहीं, बल्कि दूसरे वर्गों में भी उनका गहरा प्रभाव रहा। भाजपा समझती है कि इस छवि को अपने साथ जोड़ना चुनावी समीकरण बदलने वाला कदम हो सकता है। बेशक, परिवार में विरासत को लेकर ‘सियासी जंग’ भी रही लेकिन किरण चौधरी व उनकी बेटी श्रुति चौधरी ही बंसीलाल की ‘उत्तराधिकारी’ के तौर पर उभर कर सामने आई हैं। बंसीलाल के बड़े बेटे रणबीर सिंह महेंद्रा कांग्रेस में एक्टिव हैं।

जाट समाज के बगैर राजनीति नहीं

हरियाणा की राजनीति का गणित बिना जाट समाज के पूरे नहीं होता। विधानसभा की एक-तिहाई से अधिक सीटों पर जाट वोट निर्णायक भूमिका निभाते हैं। भाजपा के सामने चुनौती यह रही कि जाट समाज उसे उतना सहज समर्थन नहीं देता जितना कांग्रेस या क्षेत्रीय दलों को। 2016 के जाट आंदोलन के बाद यह खाई और चौड़ी हो गई। बंसीलाल की विरासत का सहारा लेकर भाजपा यह संदेश देना चाहती है कि वह जाट समाज के सबसे बड़े नेता का सम्मान करती है, और उनकी राजनीतिक विरासत को आगे बढ़ाने वाली असली पार्टी भाजपा ही है।

परिवार भी भाजपा के पाले में

भाजपा की सबसे बड़ी ताकत यह है कि आज बंसीलाल परिवार के दोनों बड़े चेहरे उसी के खेमे में हैं। पुत्रवधू किरण चौधरी भाजपा से राज्यसभा सांसद हैं। पोती श्रुति चौधरी हरियाणा की नायब सरकार में कैबिनेट मंत्री हैं। यह स्थिति भाजपा को दोहरा फायदा इसलिए देती है क्योंकि परिवार का सीधा समर्थन होने की वजह से बंसीलाल की विरासत पर कोई विरोध नहीं है। वहीं दूसरी ओर, समर्थकों का वोट बैंक भी भाजपा अपने साथ जोड़ने का सहज माहौल बनाने में जुटी है। कांग्रेस, जो कभी इस परिवार की ताकत पर निर्भर रहती थी, अब हाशिए पर खड़ी दिख रही है।

स्पीकर हरविंद्र कल्याण

श्रद्धांजलि से सियासी संदेश तक

मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने विधानसभा में कहा कि बंसीलाल की नीतियों और परिश्रम ने हरियाणा को नई पहचान दी। इसे महज श्रद्धांजलि समझना भूल होगी। यह बयान सीधे जाट समाज को राजनीतिक संदेश था - कि भाजपा प्रदेश के असली निर्माता को मान्यता देती है और उनकी विरासत को आगे बढ़ाना चाहती है। यह कदम भाजपा की ‘सॉफ्ट पॉलिटिक्स’ का हिस्सा है, जहां वह टकराव की जगह भावनात्मक जुड़ाव के जरिए वोट बैंक पर पकड़ बनाने की कोशिश कर रही है।

गोरखपुर संयंत्र के नामकरण की मांग

भले ही, नामकरण की मांग विपक्षी विधायक की ओर से आई हो, लेकिन भाजपा सरकार ने जिस तरह इस पर सकारात्मक माहौल बनाया, वह अपने आप में बड़ा राजनीतिक संकेत है। फतेहाबाद के गोरखपुर संयंत्र का नाम अगर वास्तव में बंसीलाल के नाम पर रखा जाता है तो यह भाजपा की चुनावी रणनीति का मास्टरस्ट्रोक होगा। इससे भाजपा यह दावा कर सकेगी कि उसने हरियाणा के सबसे बड़े जाट नेता को राष्ट्रीय स्तर पर सम्मान दिया।

‘विकास पुरुष’ की छवि का इस्तेमाल

श्रुति चौधरी ने विधानसभा में याद दिलाया कि बंसीलाल के शासन में बिना पर्ची और खर्ची के नौकरियां मिलती थीं। उनकी साफ-सुथरी छवि और विकास के प्रति समर्पण आज भी जनता के दिल में जगह बनाए हुए है।

उन्हें किताबों से बहुत लगाव था। खास मौकों पर वे हमेशा पुस्तकें ही भेंट में देते थे। उन्होंने कहा कि विकास पुरुष पोस्टर-बैनर से नहीं बनते, बल्कि धरातल पर किए गए कामों से पहचान पाते हैं। श्रुति की इस बात ने बंसीलाल की प्रशासनिक ईमानदारी और विकासवादी छवि को दोबारा जनता के सामने रखा, जिसे भाजपा अब अपनी राजनीतिक पूंजी में बदलना चाहती है।

पोती के सिर रखी थी पगड़ी : हरविंद्र कल्याण

हरियाणा विधानसभा अध्यक्ष हरविन्द्र कल्याण ने कहा कि चौधरी सुरेंद्र सिंह के स्वर्गवास के बाद चौ. बंसीलाल ने अपनी पोती श्रुति चौधरी के सिर पर पगड़ी रखकर बड़े सामाजिक बदलाव का संदेश दिया था। उस समय ऐसी हिम्मत दिखाना केवल चौ. बंसीलाल जैसी शख्सियत के बस की बात थी। यह संस्मरण बंसीलाल की प्रगतिशील और साहसी सोच का प्रतीक है। भाजपा इसी सामाजिक बदलाव और दूरदर्शिता वाली छवि को अपनी राजनीति से जोड़ने की कोशिश कर रही है।

विधायक सुनील सांगवान हुए भावुक

दादरी से भाजपा विधायक सुनील सतपाल सांगवान ने बंसीलाल की जयंती के मौके पर उन्हें याद करते हुए कहा कि उनके अद्वितीय नेतृत्व और दूरदर्शी सोच ने हरियाणा को बिजली, सड़क, सिंचाई और औद्योगिक विकास के क्षेत्र में नई पहचान दिलाई। सुनील सांगवान के स्व. पिता सतपाल सांगवान हरियाणा के कैबिनेट मंत्री रहे और बंसीलाल उन्हें प्यार से ‘बुलडोजर’ कहा करते थे। पुराने दिनों का याद करते हुए सुनील सांगवान ने कहा कि मैं दोनों नेताओं द्वारा दिखाए गए मार्ग से कभी विचलित न होकर, प्रदेशहित और जनकल्याण की भावना से निरंतर सेवा करता रहूंगा।

Advertisement
Show comments