सुभाष पौलस्त्य/निस
पिहोवा, 23 अप्रैल
कुरुक्षेत्र लोकसभा सीट के तहत आने वाले पिहोवा विधानसभा क्षेत्र में चुनाव प्रचार अजीबोगरीब ढंग से चल रहा है। इस विधानसभा क्षेत्र में फिलहाल लोगों को प्रत्याशियों के बारे भी पूरी तरह से जानकारी नहीं है। वहीं पार्टियों के कार्यकर्ता भी अपनी डफली, अपना राग के हिसाब से चल रहे हैं। चुनाव प्रचार के इस तरीके में भाजपा अभी भी काफी पिछड़ रही है। हैरानी की बात यह है कि भाजपा कार्यकर्ता ही इकट्ठे नहीं हो रहे। भाजपाइयों को इकट्ठा करने के लिए हालांकि भाजपा नेता कई बैठकें कर चुके हैं परंतु कार्यकर्ता बैठक में भाग ही नहीं ले रहे। आज फिर हुई भाजपा बैठक में चंद विधायक समर्थक ही गए। अधिकांश पार्टी कार्यकर्ता गए ही नहीं। विधायक की कार्य प्रणाली से कार्यकर्ता नाराज चल रहे हैं। नाम न छापने की शर्त पर कुछ पुराने कार्यकर्ताओं ने बताया कि उनको खुद ही मालूम नहीं है कि वह भाजपाई हैं या कांग्रेसी। जहां स्थानीय विधायक से अभी तक नाराजगी चल रही है, वहीं लोकसभा प्रत्याशी से भी कार्यकर्ता दूरी बनाए हुए हैं। कुछ भाजपाइयों का कहना है कि भाजपा के लोकसभा प्रत्याशी के साथ पुराने कांग्रेसी ही चल रहे हैं। जो भाजपाइयों को लोकसभा प्रत्याशी के निकट ही नहीं जाने देते। उन्होंने बताया कि वर्तमान में वही हालात बने हुए हैं जो विधानसभा चुनावों के दौरान बने हुए थे। उल्लेखनीय है कि विधानसभा चुनाव में विधायक संदीप सिंह से भाजपाई नाराज थे तथा वह दूरी बनाए हुए थे। नए पुराने भाजपाइयों के विवाद के बीच ही चुनाव संपन्न हुआ था। उस समय विधानसभा चुनाव में लोक दल के बिखराव के कारण सभी कार्यकर्ता भाजपा प्रत्याशी के समर्थन में आ गए थे। भाजपा की बजाय लोक दल का ही बोलबाला रहा। अब भी वही हालात बने हुए हैं। लोकसभा प्रत्याशी व स्थानीय विधायक दोनों से नाराजगी तथा भाजपा से दूरी इस क्षेत्र में चुनाव प्रचार को उठना ही नहीं दे रही।
आप, लोकदल का प्रचार भी नाममात्र
आम आदमी पार्टी प्रत्याशी का चुनाव भी इस विधानसभा क्षेत्र में नाममात्र का ही चल रहा है। क्योंकि आम आदमी पार्टी की बजाय कांग्रेस कार्यकर्ताओं का बोलबाला है। कांग्रेसी कार्यकर्ता कार्यालय में आकर बैठकर ही चले जाते हैं। चुनाव प्रचार में वह भी दूरी बनाए हुए हैं जबकि आम आदमी पार्टी के पास फिलहाल इस प्रचार के काडर की भारी कमी है। लोक दल प्रत्याशी का भी कमोबेश यही हाल है। लोक दल के कार्यकर्ता भी कहीं नजर नहीं आ रहे। इतना अवश्य है कि तीनों ही प्रत्याशियों के चुनावी कार्यालय खुले हुए हैं परंतु कार्यालय में खाली कुर्सियों ही दिखाई देती है। कुल मिलाकर इस विधानसभा क्षेत्र में चुनाव प्रचार नाममात्र ही चल रहा है तथा सभी दलों के कार्यकर्ता लगभग चुनाव प्रचार से दूरी बनाए हुए हैं।