शहरों में महिलाओं की ‘सरकार’ बनाने की जुगत में भाजपा
दिनेश भारद्वाज/ ट्रिन्यू
चंडीगढ़, 15 फरवरी
केंद्र की मोदी सरकार चुनावी राजनीति यानी लोकसभा व विधानसभा में महिलाओं को 33 प्रतिशत आरक्षण का फैसला कर चुकी है। इससे जुड़ा बिल भी पास हो चुका है। यह कानून 2029 के चुनावों से लागू होगा। लेकिन भाजपा ने अभी से इसके लिए ग्राउंड पर काम शुरू कर दिया है। हरियाणा की नायब सरकार ने तो शहरी स्थानीय निकाय चुनावों के जरिये इसकी शुरुआत कर दी है।
यह पहला मौका है जब शहरों की ‘सरकार’ के लिए भाजपा ने उम्मीद से कहीं अधिक महिलाओं पर भरोसा जताया है। पार्टी द्वारा मेयर पद के लिए घोषित किए गये दस उम्मीदवारों में छह महिलाएं हैं। पार्टी ने चार नगर परिषदों और 15 नगर पालिकाओं में चेयरमैन/ अध्यक्ष पद के लिए भी अपने उम्मीदवार घोषित किए हैं, जिनमें 9 महिलाएं हैं। तीन नगर पालिकाओं में अध्यक्ष पद के उपचुनाव के लिए घोषित प्रत्याशी भी इनमें शामिल हैं।
भाजपा ने गुरुग्राम नगर निगम में मेयर पद के लिए राजरानी मल्होत्रा को उम्मीदवार बनाया है। फरीदाबाद में हरियाणा बाल कल्याण आयोग की चेयरपर्सन प्रवीन जोशी और पार्टी के ओबीसी मोर्चा की प्रदेश सचिव कोमल सैनी को पानीपत नगर निगम से प्रत्याशी बनाया गया है। करनाल नगर निगम में निवर्तमान मेयर रेणु बाला गुप्ता को एक बार फिर टिकट मिला है। पार्टी के एससी मोर्चा की प्रदेश कार्यकारिणी सदस्य सुमन बहमनी को यमुनानगर से मेयर उम्मीदवार बनाया गया है। पार्टी के महिला मोर्चा की प्रदेश कार्यकारिणी सदस्य सैलजा सचदेवा को अम्बाला सिटी नगर निगम में मेयर पद के उपचुनाव के लिए टिकट मिला है।
वहीं, अम्बाला छावनी नगर परिषद में चेयरपर्सन पद के लिए श्रवण कौर और थानेसर नगर परिषद में माफी ढांडा को भाजपा ने टिकट दिया है। सोहना, असंध और ईस्माइलाबाद नगर पालिका में अध्यक्ष पद उपचुनाव के लिए क्रमश: प्रीति बागड़ी, सुनीता अरडाना, मेगा बंसल को प्रत्याशी बनाया गया है। पुंडरी नगर पालिका से ममता सैनी, सीवन नगर पालिका में शैली मुंजाल, नीलोखेड़ी नगर पालिका में सनमीत कौर आहूजा और हथीन नगर पालिका में रेनूलता को अध्यक्ष पद का उम्मीदवार बनाया गया है।
नारी शक्ति को इसलिए तवज्जो
भाजपा नेताओं का कहना है कि 2029 के लोकसभा व विधानसभा चुनावों को ध्यान में रखते हुए ही इस बार पार्टी ने अधिक से अधिक महिलाओं के निकाय चुनावों के लिए टिकट दिया है। 2029 में महिला आरक्षण का कानून लागू होना है। इस दौरान तक नया परिसीमन अगर लागू नहीं भी होता है, तो भी प्रदेश की मौजूदा दस लोकसभा सीटों में से तीन और 90 विधानसभा हलकों में से 30 पर महिला उम्मीदवार चुनाव लड़ेंगी। नगर निगमों, नगर परिषदों व नगर पालिकाओं के जरिये भाजपा महिला नेतृत्व तैयार कर रही है ताकि मजबूत महिला चेहरों को लोकसभा व विधानसभा चुनाव लड़वाया जा सके।
विधानसभा में अभी 13 महिलाएं
इस बार 13 महिलाएं चुनकर विधानसभा पहुंची हैं। इनमें कांग्रेस की सात और भाजपा की पांच विधायक हैं। वहीं हिसार से सावित्री जिंदल ने निर्दलीय चुनाव जीता है। नायब सरकार में भी दो महिलाओं को बतौर कैबिनेट मंत्री मंत्रिमंडल में शामिल किया गया है। इनमें अटेली से आरती सिंह राव और तोशाम से श्रुति चौधरी शामिल हैं।
नौ नगर पालिकाओं में सिम्बल पर नहीं उतारे प्रत्याशी
भाजपा ने स्थानीय नेताओं से विचार-विर्मश के बाद 21 में से नौ नगर पालिकाओं- सिवानी, लोहारू, फर्रुखनगर मंडी, नारनौंद, बेरी, कनीना, अटेली मंडी, तावड़ू और कलानौर को ओपन छोड़ दिया है। इन पालिकाओं में अध्यक्ष पद के लिए भाजपा नेता चुनाव तो लड़ेंगे, लेकिन पार्टी उन्हें सिम्बल नहीं देगी। स्थानीय नेताओं द्वारा मजबूत चेहरों का समर्थन किया जा सकता है।