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90 हलकों के लिए 90 दिन का रोडमैप बना रही भाजपा

सितंबर में बजेगा विधानसभा चुनाव का बिगुल, लोकसभा चुनाव के साथ ही चल रही तैयारियां
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दिनेश भारद्वाज

चंडीगढ़, 3 मई

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हरियाणा की सत्तारूढ़ भाजपा अभी से सितंबर-अक्तूबर में होने वाले विधानसभा चुनाव की तैयारियों में जुट गई है। सरकार जहां लोकसभा चुनाव के चलते ग्राउंड में मोर्चा संभाले हुए है, वहीं सीएमओ (मुख्यमंत्री कार्यालय) के अधिकारी विधानसभा चुनाव का रोडमैप तैयार करने में जुटे हैं। लोकसभा चुनाव के नतीजों के बाद विधानसभा चुनाव की घोषणा में मोटे तौर पर 90 दिन का समय रह जाएगा।

सरकार ने इन 90 दिनों में प्रदेश के 90 हलकों की रणनीति पर काम शुरू कर दिया है। सूत्रों का कहना है कि सीएम नायब सिंह सैनी अंदरखाने इस बाबत अधिकारियों को निर्देश दे चुके हैं। नायब सरकार ने अधिकारियों को विभागवार योजनाओं का प्रारूप तैयार करने को कह दिया है। सूत्रों ने तो यह भी जानकारी दी है कि दो तरह के प्लान पर भाजपा काम कर रही है। इन दोनों प्लान में से कौन सा लागू होगा, यह पूरी तरह से लोकसभा चुनाव के नतीजों पर निर्भर करेगा।

भाजपा इस उम्मीद के साथ पूरे जोश से चुनावी रण में डटी है कि उसे 2019 के लोकसभा चुनाव वाले नतीजे इस बार भी दोहराने हैं। पांच साल पहले हुए चुनावों में भाजपा ने राज्य में लोकसभा की सभी दस सीटों पर जीत हासिल की थी। इससे पहले 2014 के लोकसभा चुनाव में भाजपा ने 7 सीटों पर कमल खिलाया था। इस बार आधा दर्जन से अधिक सीटों पर कांटे का मुकाबला देखने को मिल रहा है। फिलहाल नामांकन का दौर चल रहा है। 9 मई के बाद चुनाव प्रचार जोर पकड़ेगा और फिर सही मायने में यह तय हो पाएगा कि चुनाव क्या रुख लेता है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की गारंटी, राम मंदिर निर्माण, जम्मू-कश्मीर से धारा-370 हटाने के अलावा केंद्र व राज्य सरकार की योजनाओं व नीतियों को लेकर लोगों के बीच पहुंच रही भाजपा जीत की हैट्रिक लगाने की जुगत में है। सीएम नायब सिंह सैनी और पूर्व सीएम व करनाल से भाजपा प्रत्याशी मनोहर लाल खट्टर विधानसभा क्षेत्रवार ‘विजय संकल्प’ रैलियां करने में जुटे हैं। 9 मई के बाद पीएम नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह, भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ सहित कई केंद्रीय नेताओं की रैलियां हरियाणा में होंगी। करीब साढ़े नौ वर्षों तक प्रदेश के मुख्यमंत्री रहे मनोहर लाल सरकार के फैसलों और चुनावों को ऐतिहासिक बताते हुए अब नायब सरकार लोगों से समर्थन मांग रही है। मनोहर लाल ने बतौर वित्त मंत्री रहते हुए मौजूदा सरकार का पांचवां और आखिरी वार्षिक बजट पेश किया था। बजट पेश करने के कुछ दिनों बाद ही लोकसभा चुनावों का भी बिगुल बज गया। इसके कुछ दिनों बाद ही प्रदेश में बड़ी राजनीतिक उठापठक हो गई। मनोहर लाल ने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया और नायब सिंह सैनी नये मुख्यमंत्री भी बन गए।

मनोहर लाल का अनुभव आएगा काम

माना जा रहा है कि आगामी विधानसभा चुनावों को लेकर लिए जाने वाले फैसलों में पूर्व सीएम मनोहर लाल का अनुभव काम आएगा। बताते हैं कि वे भी कई तरह के सुझाव दे सकते हैं। लोकसभा चुनाव के तुरंत बाद भाजपा विधायक दल की बैठक होगी। बैठक में सभी मंत्रियों व विधायकों से ग्राउंड का फीडबैक लिया जाएगा। विधायकों से उनके सुझाव भी लिए जाएंगे, जिससे उसके हिसाब से विकास कार्यों का खाका तैयार किया जा सके।

बजट लागू करने पर रहेगा जोर

नायब सरकार के पास अब चूंकि अधिक समय नहीं है। ऐसे में लोकसभा चुनाव के नतीजों के तुरंत बाद हरियाणा सरकार एक्शन मोड में नजर आएगी। बजट में किए गए वादों के अलावा शुरू की जाने वाली नयी योजनाओं को ग्राउंड पर उतारने की कोशिश होगी। जो नये प्रोजेक्ट राज्य में लागू करने का ऐलान हुआ है, उनकी शुरुआत भी लोकसभा चुनावों के तुरंत बाद ही हो सकती है। महिलाओं, बुजुर्गों, अनुसूचित जाति व पिछड़ा वर्ग, युवाओं, किसानों, कर्मचारियों व व्यापारियों आदि को लेकर लिए गए फैसलों एवं योजनाओं पर भी काम शुरू करना नायब सरकार के सामने चुनौती होगी।

विभागवार तैयार की जा रही योजना

सूत्रों का कहना है कि सीएमओ के अधिकारियों ने विभागवार रोडमैप बनाना शुरू कर दिया है। आम लोगों से जुड़ी योजनाओं को और सरल करने पर भी मंथन चल रहा है। जिन योजनाओं का लाभ लाभार्थियों तक पहुंचने में जरा भी परेशानी आ रही है, उन पर विशेष फोकस रहेगा। इतना ही नहीं, सभी विभाग उन प्रोजेक्ट्स की लिस्ट बनाने में जुटे हैं, जिनकी शुरुआत लोकसभा चुनाव के नतीजों के तुरंत बाद करने की तैयारी है।

सरकार लांच कर सकती है नयी योजनाएं

सरकार से जुड़े लोगों का कहना है कि नायब सरकार आगामी विधानसभा चुनावों को ध्यान में रखते हुए प्रदेश में नयी योजनाएं भी लांच कर सकती है। इस पर भी सीएमओ में मंथन चल रहा है। ऐसी योजनाओं पर लगातार विचार-विमर्श जारी है, जो आम लोगों को सीधे तौर पर प्रभावित कर सकती हैं। संभव है कि लोकसभा चुनाव के नतीजों के बाद हरियाणा में कई नयी घोषणाएं सरकार द्वारा की जाए।

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