पानीपत, 17 जून (ट्रिन्यू)
समालखा नगर पालिका चुनाव में चेयरमैन पद के भाजपा प्रत्याशी अशोक कुच्छल ने निर्वाचन अधिकारी एवं एसडीएम को दिए लिखित जवाब में स्वीकार किया कि उन पर विभिन्न धाराओं के तहत आपराधिक केस दर्ज हैं, लेकिन जल्दबाजी में नामांकन भरते समय वह इसका जिक्र करना भूल गए। एसडीएम अश्वनी मलिक ने कुच्छल का जवाब मिलने के बाद टिप्पणी सहित रिपोर्ट जिला निर्वाचन अधिकारी एवं डीसी सुशील सारवान व राज्य चुनाव अयोग को कार्रवाई के लिये भेज दी है।
रिपोर्ट में कहा गया है कि जन प्रतिनिधित्व कानून 1951 की धारा 8 (3)के अनुसार किसी आपराधिक केस में 2 वर्ष से अधिक की सजा प्राप्त व्यक्ति सजा प्राप्ति की तिथि से 6 वर्ष के लिए अयोग्य होता है। क्योंकि अशोक कुच्छल के खिलाफ मुक़दमा अदालत में लंबित है, अभी कोई सजा नहीं हुई है। इसलिए यह मामला कुच्छल द्वारा झूठे शपथ पत्र देने तक सीमित है और नियमानुसार रिटर्निंग ऑफिसर द्वारा नामांकन पत्रों की समीक्षा करने के बाद अब चुनाव आयोग ही कार्रवाई कर सकता है।
हाईकोर्ट जाने की तैयारी
शिकायतकर्ता एवं आरटीआई एक्टिविस्ट पीपी कपूर ने बताया कि वे जल्द ही हाईकोर्ट में चुनाव याचिका दायर करके अशोक कुच्छल को 6 वर्ष के लिए चुनाव लड़ने के अयोग्य घोषित करवाएंगे । कपूर ने आरोप लगाया कि निर्वाचन अधिकारी एवं एसडीएम ने सरकार के दबाव में यह रिपोर्ट दी है। ये चुनाव हरियाणा पालिका इलेक्शन रुल्स 1978 के तहत हो रहे हैं, जबकि एमएलए/ एमपी के चुनाव जन प्रति निधित्व कानून-1951 के तहत होते हैं। हरियाणा म्यूंसिपल इलेक्शन रूल्स-1978 के सेक्शन 21(1) (एम) में साफ लिखा है कि ऐसा कोई भी उम्मीदवार पालिका चुनाव नहीं लड़ सकता, जो दस वर्ष या ज़्यादा की सजा वाले क्रिमिनल केस मे अदालत से चार्जशीट हो चुका हो। कपूर ने बताया कि अशोक कुच्छल एक साल से ज्यादा समय तक जेल मे रहने के बाद हाईकोर्ट से जमानत पर हैं। यह मामला समालखा कोर्ट मे लंबित है, जिसमें 12 जुलाई को सुनवाई होनी है।