दिनेश भारद्वाज/ट्रिन्यू
चंडीगढ़, 30 मई
हरियाणा में राज्यसभा की दो सीटों के लिए सत्तारूढ़ भाजपा और प्रमुख विपक्षी दल कांग्रेस ने अपने-अपने उम्मीदवार मैदान में उतार दिए हैं। यही स्थिति रहती है तो दोनों ही पार्टियों के उम्मीदवारों का निर्विरोध राज्यसभा जाना तय है। भाजपा अगर दूसरी सीट के लिए भी किसी निर्दलीय प्रत्याशी को समर्थन देकर मैदान में उतारती है तो कांग्रेस का ‘खेल’ बिगड़ सकता है। यह स्थिति कांग्रेस के लिए सामान्य नहीं मानी जा सकती।
भाजपा ने राज्यसभा चुनावों में अनुसूचित जाति (एससी) नेता कृष्ण लाल पंवार को प्रत्याशी बनाकर प्रदेश के इस बड़े वोट बैंक को रिझाने की कोशिश की है। यहां बता दें कि पिछले दिनों ही कांग्रेस ने प्रदेश में नेतृत्व परिवर्तन करके चौ़ उदयभान को प्रदेशाध्यक्ष बनाया है। बेशक, उनसे पहले भी कांग्रेस ने अजा चेहरे के रूप में कुमारी सैलजा को प्रधानगी सौंपी हुई थी। कांग्रेस द्वारा खेले गए एससी कार्ड को काटने के लिए ही भाजपा कृष्ण लाल पंवार को मैदान में लेकर आई है। पंवार खट्टर सरकार के पहले कार्यकाल में परिवहन एवं जेल मंत्री रहे हैं। 2019 का विधानसभा चुनाव वे भाजपा की टिकट पर इसराना से कांग्रेस प्रत्याशी बलबीर सिंह वाल्मीकि से हारे थे।
वर्ष 2014 के विधानसभा चुनावों से पहले वे इनेलो छोड़कर भाजपा में शामिल हुए थे। भाजपा ने उन्हें इसराना से ही टिकट दिया और वे विधानसभा पहुंचने में कामयाब रहे। इससे पहले पंवार इनेलो टिकट पर भी इसराना से विधायक रह चुके हैं।
वहीं, कांग्रेस ने पंजाबी कार्ड खेला है। पार्टी ने पूर्व केंद्रीय मंत्री अजय माकन को मैदान में उतारा है। माकन पंजाबी ब्राह्मण समुदाय से आते हैं। ऐसे में कांग्रेस ने दोनों जातियों में संदेश देने की कोशिश की है। माकन दिल्ली विधानसभा के सदस्य भी रहे हैं और विधानसभा अध्यक्ष भी रहे हैं। गांधी परिवार से नजदीकियों के चलते कांग्रेस ने उन्हें टिकट दिया है।
माकन दिल्ली यूनिवर्सिटी से पढ़े हैं और यहीं से उन्होंने राजनीतिक गतिविधियों की शुरुआत की। 1985 में वे दिल्ली यूनिवर्सिटी स्टूडेंट यूनियन (डीयूएसयू) के अध्यक्ष बने। 2014 के लोकसभा चुनावों में माकन को भाजपा की मीनाक्षी लेखी के हाथों हार का सामना करना पड़ा।
वे कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव और दिल्ली कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष भी रहे हैं। मनमोहन कैबिनेट में वे हाउसिंग और शहरी गरीबी उन्मूलन मंत्री भी रहे।
दूसरा उम्मीदवार आते ही रोचक होगा चुनाव
भाजपा ने अभी तक कृष्ण लाल पंवार को पहली सीट के लिए प्रत्याशी बनाया है। अंदरखाने दूसरी सीट पर भी प्रत्याशी देने की प्लानिंग चल रही है। यह प्रत्याशी निर्दलीय हो सकता है, जो भाजपा-जजपा गठबंधन समर्थित हो सकता है। अगर ऐसा होता है तो फिर 10 जून को राज्यसभा सीटों के लिए मतदान होगा। किसी वजह से अगर भाजपा ने दूसरा प्रत्याशी नहीं दिया तो फिर कृष्ण लाल पंवार के साथ अजय माकन का भी राज्यसभा जाना तय हो जाएगा। दूसरा प्रत्याशी मैदान में आने से कांग्रेस में क्रॉस वोटिंग का खतरा बढ़ जाएगा और यह चुनाव भी काफी रोचक होगा।