दिनेश भारद्वाज
चंडीगढ़, 6 अगस्त
हरियाणा के उन विधायकों को विधानसभा की कमेटियों से बाहर किया जाएगा, जो बैठक अटेंड नहीं कर रहे हैं। तोशाम विधायक व पूर्व मंत्री किरण चौधरी, आदमपुर विधायक कुलदीप बिश्नोई तथा चरखी दादरी से निर्दलीय विधायक सोमबीर सिंह सांगवान ऐसे विधायकों में टॉप पर हैं। स्पीकर ज्ञानचंद गुप्ता ने बैठकों से गैर-हाजिर रहने वाले विधायकों को बाहर करने के निर्देश दिए हैं।
विधानसभा ने विधायी कार्यों के अलावा विभिन्न विभागों व बोर्ड-निगमों से जुड़े मामलों की सुनवाई, विकास कार्यों की समीक्षा, धांधलियों की स्टडी रिपोर्ट के लिए 14 कमेटियों का गठन किया हुआ है। इन कमेटियों के प्रभारियों के साथ की अहम बैठक में स्पीकर ने ये निर्देश दिए। साथ ही, उन्होंने सभी कमेटियों को और भी एक्टिव करते हुए सरकार से जुड़े विकास कार्यों की ऑन-दी-स्पॉट चैकिंग करने को भी कहा है।
लोक लेखा समिति की अभी 21 बैठकें हो चुकी हैं, लेकिन इसकी सदस्य किरण चौधरी एक भी बैठक में उपस्थित नहीं हुईं। सोमबीर सिंह सांगवान सब-आर्डिनेट लेजिस्लेशन कमेटी के सदस्य हैं। इस कमेटी की अभी तक 13 बैठकें हो चुकी हैं ओर सोमबीर एक बार भी बैठक में नहीं आए। कुलदीप बिश्नोई की उपस्थिति से भी विधानसभा स्पीकर संतुष्ट नहीं हैं। उन विधायकों से भी बात की जाएगी, जो नियमित रूप से बैठकों में नहीं आ रहे हैं। आमतौर पर इन कमेटियों की बैठकें मंगलवार व बुधवार को विधानसभा में होती हैं।
वहीं दूसरी ओर, अब ये कमेटियां सरकार की पाई-पाई पर पैनी नज़र रखेंगी। विधानसभा में विकास कार्यों के लिए पास होने वाले बजट का सही से इस्तेमाल हो रहा है या नहीं, इसकी मॉनिटरिंग इन कमेटियों को सौंपी हैं। यानी अब विस कमेटियां पहले से और अधिक पावरफुल और एक्टिव होंगी। कमेटियां अब नियमित बैठकों के साथ-साथ सीधे जनता के बीच जाकर विकास कार्यों पर संज्ञान लेगीं। स्पीकर का मानना है कि विधानसभा प्रत्यक्ष रूप से जनता के प्रति जवाबदेह है।
प्रदेश के मेहनतकश नागरिक अपनी गाढ़ी कमाई से टैक्स देकर सरकारी खजाना भरते हैं। इस धन को खर्च करने की अनुमति सरकार सदन से लेती है। इसलिए इसका समुचित सदुपयोग सुनिश्चित करवाना विधायिका की जिम्मेदारी है। संसदीय कार्यप्रणाली में सरकारी खर्चों पर निगरानी रखने के लिए कमेटियों का प्रावधान हैं। विकास कार्यों में गड़बड़ी की जानकारी मिलने पर इन कमेटियों को संज्ञान लेने का पूरा अधिकार है। गुप्ता ने कहा कि पिछले दिनों में इन कमेटियों ने अनेक विकास कार्यों का मौके पर जाकर मुआयना किया है।
इन दौरों से बड़ी मात्रा में सरकारी धन का दुरुपयोग रुका है। गड़बड़ी करने वाले अनेक ठेकेदारों को ब्लैक लिस्ट किया जा सका है तथा संबंधित अधिकारियों पर भी कार्रवाई हुई है। याचिका समिति के सभापति घनश्याम दास अरोड़ा ने यमुनानगर के हथनी कुंड बैराज और हिसार स्थित चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय के दौरों का उल्लेख किया। शिक्षा, तकनीकी शिक्षा, व्यावसायिक शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाओं विषय पर गठित विषय कमेटी की सभापति सीमा त्रिखा ने बताया कि रक्तदान की धांधली रोकने के लिए उनकी कमेटी ने बड़ा प्रयास किया, इसके सकारात्मक परिणाम भी सामने आए हैं।
जन स्वास्थ्य, सिंचाई, विद्युत और निर्माण पर विषय कमेटी के सभापति दीपक मंगला ने जींद दौरे की जानकारी दी। उन्होंने कहा वे पांच विधायकों और अधिकारियों को लेकर शहर पहुंचे तो पाया कि लोक निर्माण विभाग ने सीवरेज की लाइनें बिछाने में पूरी तरह से अंधेरगर्दी की हुई थी। जगह-जगह से टूटे रोड को न तो ठीक किया गया और न ही सीवरेज की लाइनें आपस में जोड़ीं। विभाग की इस कारगुजारी से जनता का धन तो बहुत खर्च हो गया, लेकिन इसका लाभ लोगों को नहीं मिल सका।
स्पीकर ने एससी-एसटी वर्ग के विद्यार्थियों को दी जाने वाली छात्रवृत्ति पर भी निगरानी रखने की अपील की। उन्होंने कहा, विधायकों और अधिकारियों के प्रतिनिधिमंडल जब दूसरे प्रदेशों की यात्रा पर जाने से पहले अपना उद्देश्य स्पष्ट करें। कमेटी निर्धारित समयावधि में अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करें, ताकि इसका सीधा लाभ प्रदेश को मिल सके।
जो विधायक किन्हीं भी कारणों से कमेटियों की बैठकों में नहीं आ रह हैं, उन्हें समितियों से हटाने का फैसला लिया है। इस प्रकार के व्यवहार से जहां कमेटियों का अनुशासन भंग होता है। कई बार कोरम पूरा करने में भी दिक्कत आती है। विकास कार्यों में मिल रही धांधली की शिकायतों पर अब विस कमेटियां एक्शन लेंगी। सभी कमेटियों को ऑन-दी-स्पॉट चैकिंग तथा कार्रवाई करने के लिए अधिकृत किया है। जिला प्रशासन को कमेटियों के दौरों के दौरान मौके पर मौजूद रहना होगा।
-ज्ञानचंद गुप्ता, स्पीकर।