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बीरेंद्र ने छोड़ी भाजपा, निशान सिंह ने जजपा

हरियाणा की सियासत हुई और दिलचस्प
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दिनेश भारद्वाज/ट्रिन्यू

चंडीगढ़, 8 अप्रैल

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हरियाणा की राजनीति सोमवार को पूरा दिन गरमाई रही। सोमवार को दिन इस्तीफों का दिन बन गया। पूर्व केंद्रीय मंत्री व वरिष्ठ भाजपा नेता चौ़ बीरेंद्र सिंह ने सोमवार को पार्टी को अलविदा बोल दिया। उनकी पत्नी और उचाना से पूर्व विधायक प्रेमलता ने भी भाजपा छोड़ दी है। वहीं दूसरी ओर, जननायक जनता पार्टी (जजपा) के प्रदेशाध्यक्ष सरदार निशान सिंह ने पार्टी को अलविदा कह दिया है।

बीरेंद्र सिंह और उनकी पत्नी मंगलवार को नई दिल्ली में कांग्रेस ज्वाइन करेंगे। सरदार निशान सिंह ने अभी तक अपने पत्ते नहीं खोले हैं। उनके कांग्रेस और भाजपा दोनों ही पार्टियों में से किसी में शामिल होने की चर्चा है। पूर्व में 42 वर्षों तक कांग्रेस में एक्टिव रहे चौ़ बीरेंद्र सिंह ने 16 अगस्त, 2014 को कांग्रेस छोड़कर भाजपा की सदस्यता हासिल की थी। उस समय में कांग्रेस के राज्यसभा सांसद थे। बीरेंद्र सिंह ने राज्यसभा से भी इस्तीफा दे दिया था।

2014 में नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भाजपा की केंद्र में सरकार बनने के बाद बीरेंद्र सिंह को भाजपा ने फिर से राज्यसभा में भेजा। वे मोदी सरकार में 2014 से 2016 तक विकास एवं पंचायत मंत्री रहे। इसके बाद 2016 से 2019 तक उन्हें केंद्रीय इस्पात मंत्री बनाया गया। इतना ही नहीं, 2014 में उनकी पत्नी प्रेमलता भी भाजपा टिकट पर उचाना कलां से विधायक बनीं। वहीं 2019 के लोकसभा चुनावों में भाजपा ने बीरेंद्र सिंह के बेटे बृजेंद्र सिंह को हिसार से लोकसभा चुनाव लड़वाया।

आईएएस सेवाओं से वीआरएस लेकर राजनीति में आए बृजेंद्र सिंह ने पिछले माह ही लोकसभा की सदस्यता से इस्तीफा देकर भाजपा ज्वाइन की थी। अब उनके पिता और माता ने भी भाजपा छोड़ दी है। बृजेंद्र सिंह पहले ही कांग्रेस में शामिल हो चुके हैं।

जजपा प्रदेशाध्यक्ष सरदार निशान सिंह ने पार्टी सुप्रीमो डॉ़ अजय सिंह चौटाला को फोन करके मौखिक रूप से अपना इस्तीफा दे दिया। वे जल्द ही अजय चौटाला से मुलाकात करके अपना लिखित इस्तीफा भी देंगे। निशान सिंह तीस वर्षों से भी अधिक समय तक चौटाला परिवार के साथ जुड़े रहे। अजय चौटाला और दुष्यंत चौटाला ने जब इनेलो से अलग होकर जननायक जनता पार्टी का गठन किया तो निशान सिंह भी इनेलो छोड़कर जजपा के फाउंडर सदस्यों में शामिल हुए। पार्टी ने उन्हें प्रदेशाध्यक्ष की कमान सौंपी। इतना ही नहीं, 2019 के विधानसभा चुनावों में निशान सिंह ने टोहाना हलके से देवेंद्र सिंह बबली के लिए अपनी सीट भी छोड़ दी। जजपा ने जब यहां से कांग्रेस से आए देवेंद्र बबली को टिकट देने का फैसला लिया तो निशान सिंह ने कोई विरोध भी नहीं किया। निशान सिंह टोहाना से इनेलो टिकट पर विधायक रह चुके हैं।

निशान ने हुड्डा से दिल्ली में की मुलाकात

फतेहाबाद (निस) बताया जा रहा है कि शनिवार को दिल्ली में पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा से उनके निवास पर निशान सिंह ने मुलाकात की थी। इस दौरान निशान सिंह, सुरेंद्र लेगा व जजपा के फतेहाबाद के पूर्व शहरी प्रधान पवन चुघ मौजूद रहे। पुष्ट सूत्रों ने बताया कि कांग्रेस के नेता अशोक अरोड़ा काफी समय से निशान सिंह को मनाने में जुटे थे, उन्होंने ही निशान सिंह की मीटिंग हुड्डा से करवाई। यह भी दावा किया जा रहा है कि निशान सिंह को टोहाना से उम्मीदवारी का आश्वासन दिया गया है।

बीरेंद्र सिंह के समर्थकों ने दिए इस्तीफे

उचाना (निस): पूर्व केंद्रीय मंत्री बीरेंद्र सिंह के भाजपा छोड़ कर कांग्रेस में शामिल होने से पहले उनके समर्थक भाजपा को अलविदा कहने लगे हैं। भाजपा उचाना मंडल अध्यक्ष राकेश श्योकंद उचाना खुर्द नेे इस्तीफा जिलाध्यक्ष राजू मोर को भेजा है, वहीं राकेश श्योकंद उचाना खुर्द ने बताया कि पूरी कार्यकारिणी ने अपने पद से इस्तीफा दिया है। जहां पूर्व केंद्रीय मंत्री बीरेंद्र सिंह जाएंगे वो उनके साथ जाएंगे। भाजपा जिला उपाध्यक्ष के पद पर कार्यरत हरेंद्र सिंह ने भी पद से इस्तीफा दे दिया है वहीं मार्केट कमेटी के पूर्व वाइस चेयरमैन सुरेंद्र गर्ग ने भी भाजपा को अलविदा कहा।

ज्वाइनिंग से पहले हुड्डा से मिले बीरेंद्र

बीरेंद्र सिंह मंगलवार को कांग्रेस में शामिल होंगे। वे नई दिल्ली पहुंच चुके हैं। सोमवार को उन्होंने पूर्व सीएम और नेता प्रतिपक्ष भूपेंद्र सिंह हुड्डा से भी मुलाकात की। इस दौरान कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष चौ उदयभान भी मौजूद रहे। बताते हैं कि बीरेंद्र सिंह ने हुड्डा व उदयभान से मुलाकात के दौरान उनसे आग्रह किया कि वे ज्वाइनिंग के दौरान मौजूद रहें। इसी तरह से बीरेंद्र सिंह ने पूर्व केंद्रीय मंत्री व पार्टी की राष्ट्रीय महासचिव कुमारी सैलजा तथा राज्यसभा सांसद रणदीप सिंह सुरजेवाला को भी आमंत्रित किया है।

कभी नहीं दिया शिकायत का मौका: निशान

निशान सिंह ने कहा कि प्यार, दोस्ती और राजनीतिक पार्टियों में कई बार रिश्तों में दरारें आ जाती हैं। मैंने पूरी ईमानदारी और मेहनत के साथ पार्टी के साथ काम किया। कभी कोई शिकायत का मौका नहीं दिया। कई बार हालात ऐसे होते हैं और हालात की वजह से ही ऐसे कदम भी उठाने पड़ते हैं। मैं इसके लिए किसी को दोष नहीं दूंगा। इस मामले में विस्तृत बातचीत अपना राजनीतिक फैसला करने के बाद ही करूंगा। वहीं निशान सिंह के साथ उनके कई समर्थकों ने भी जजपा से इस्तीफा दे दिया है।

अभिनेता संजय दत्त नहीं लड़ेंगे चुनाव

समालखा (निस): अभिनेता संजय दत्त की कांग्रेस प्रत्याशी के रूप में करनाल लोकसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ने की सोमवार को करनाल लोकसभा क्षेत्र में अफवाह उड़ती रही। हालांकि संजय दत्त ने खुद ‘एक्स’ पर ट्वीट करके स्पष्ट किया कि वे फिलहाल किसी राजनीतिक पार्टी में शामिल नहीं हो रहे और न ही चुनाव लड़ रहे हैं। उल्लेखनीय है हरियाणा की करनाल लोकसभा सीट पर सत्तारूढ़ दल भाजपा द्वारा पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल को प्रत्याशी बनाया गया है, जिससे करनाल लोकसभा सीट सबसे हॉट सीट बन गई है। पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल को संसद में पहुंचने से रोकने के लिए मुख्य विपक्षी पार्टी कांग्रेस यहां किसी हैवीवेट प्रत्याशी को उतारने पर मंथन कर रही है। करनाल लोकसभा क्षेत्र से लगातार चार बार सांसद रह चुके पंडित चिरंजी लाल के पौत्र चाणक्य शर्मा ने यहां से कांग्रेस टिकट के लिए आवेदन किया हुआ है। पंडित चाणक्य शर्मा के पिता एवं पूर्व स्पीकर कुलदीप शर्मा भाजपा के निवर्तमान सांसद संजय भाटिया से चुनाव हार चुके हैं।

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