Bill 22 Dispute सुरजेवाला का वार : बिल न.22 से अवैध उद्योगों को वैध ठहराने की तैयारी
हरियाणा विधानसभा सत्र में कांग्रेस विधायक आदित्य सुरजेवाला ने सरकार द्वारा पेश किए गए बिल न.22 को लेकर जोरदार आपत्ति दर्ज कराई। उन्होंने आरोप लगाया कि जिस कानून का उद्देश्य मूल रूप से आवासीय कॉलोनियों को नियमित करना था, उसे अब सरकार औद्योगिक अराजकता को वैध ठहराने के हथियार में बदल रही है।
सुरजेवाला ने कहा कि यह बिल तीन स्तरों पर गंभीर खतरे पैदा करता है।
1. दंडात्मक कार्रवाइयां ठप : उन्होंने बताया कि जैसे ही कोई अवैध औद्योगिक इकाई ऑनलाइन आवेदन डालेगी, उस पर चल रही सभी कानूनी कार्रवाई स्वतः निलंबित हो जाएगी। इसका सीधा मतलब है कि प्रदूषण फैलाने वाले और सुरक्षा मानकों की धज्जियां उड़ाने वाले कारखाने तुरंत राहत पा जाएंगे।
2. पर्यावरणीय मानकों की अनदेखी : बिल में प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की मंजूरी, अपशिष्ट प्रबंधन या पर्यावरणीय प्रभाव आकलन जैसी किसी प्रक्रिया का उल्लेख तक नहीं है। सुरजेवाला ने चेतावनी दी कि इससे पानी, हवा और मिट्टी में व्यापक प्रदूषण होगा और नजदीकी बस्तियों में रहने वाले लोगों की सेहत गंभीर खतरे में पड़ जाएगी।
3. ईमानदार उद्योगों के साथ अन्याय : सुरजेवाला के अनुसार यह संशोधन उन उद्यमियों के साथ धोखा है जिन्होंने सभी कानूनी मंजूरियाँ लेकर उद्योग स्थापित किए। ऐसे उद्योग हाशिये पर चले जाएंगे जबकि अवैध फैक्ट्रियों को बिना जुर्माना और बिना नियमन के वैध दर्जा मिल जाएगा।
कांग्रेस विधायक ने कहा कि सरकार इसे रोजगार सृजन की आड़ में पेश कर रही है, लेकिन असल में यह कानून के शासन, पर्यावरण संरक्षण और सार्वजनिक सुरक्षा से समझौता है। उन्होंने मांग रखी कि बिल न.22 को चयन समिति के पास भेजा जाए और उसमें कड़े नियामक व पर्यावरणीय प्रावधान अनिवार्य रूप से जोड़े जाएं।