दिग्गज नेताओं के साथ ‘युवा ब्रिगेड’ के कंधों पर बड़ी जिम्मेदारी
आनंद भार्गव/हप्र
सिरसा, 3 दिसंबर
सिरसा की राजनीति गरमाई हुई है। राजनीति के दिग्गजों का गढ़ कहे जाने वाले सिरसा में पूर्व सीएम और विपक्ष के नेता भूपेंद्र सिंह हुड्डा अपनी जड़ें और मजबूत करना चाहते हैं। बेशक, कांग्रेस कई बार यहां अच्छा प्रदर्शन कर चुकी है, लेकिन फिर भी इसे इनेलो सुप्रीमो ओमप्रकाश चौटाला का गढ़ कहा जाता है। सिरसा में 24 दिसंबर को ‘किसान-मजदूर जनआक्रोश रैली’ करने का ऐलान कांग्रेस द्वारा किया है।
हालांकि कांग्रेस की इस रैली में भी पार्टी की गुटबाजी सामने आएगी। पूर्व केंद्रीय मंत्री व कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव कुमारी सैलजा यहां से सांसद रही हैं। उनके पिता ने भी सिरसा का प्रतिनिधित्व किया था। उनका अपना प्रभाव है। आज भी यहां उनके समर्थकों की काफी संख्या है। प्रदेश कांग्रेस में जिस तरह से नेताओं के बीच आपसी खींचतान है, सो उसका असर इस रैली पर भी पड़ सकता है। हुड्डा समर्थकों की सिरसा में कोई कमी नहीं है। कई मौजूदा व पूर्व सांसद-विधायक ऐसे हैं, जो हुड्डा को अपना नेता मानते हैं।
कांग्रेस की इस रैली में सबसे अधिक ताकत राज्यसभा सदस्य दीपेंद्र सिंह हुड्डा लगा रहे हैं। दीपेंद्र यहां बैठकें भी कर रहे हैं। बताते हैं कि रैली को कामयाब बनाने के लिए दोनों विधायकों–अमित सिहाग (डबवाली) और शीशपाल केहरवाला (कालांवाली) के अलावा पूर्व मंत्रियों, सांसदों-विधायकों के अलावा वरिष्ठ नेताओं की ड्यूटी लगाई है। सिरसा की इस रैली में पूरे लोकसभा क्षेत्र से बड़ी संख्या में
कई बड़े सियासी चेहरे भी जुड़े
लोकसभा चुनाव व विधानसभा चुनाव की आहट के साथ ही कांग्रेस ने सिरसा जिले में अपनी सक्रियता बढ़ा दी है। पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र हुड्डा व पूर्व केंद्रीय मंत्री सैलजा की अगुवाई में अनेक बड़े चेहरे कांग्रेस में शामिल हुए हैं। इनमें वीरभान मेहता, कर्मचारी चयन आयोग के पूर्व चेयरमैन अमीर चावला, पूर्व सिंचाई मंत्री जगदीश नेहरा के पुत्र संदीप नेहरा, डॉ़ वाईके चौधरी आदि शामिल है। हुड्डा गुट व कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष उदयभान द्वारा सिरसा में कांग्रेस को धरातल पर मजबूती देने के लिए दीपेंद्र हुड्डा सरीखे युवा नेता को मैदान में उतारा है।
युवा बिग्रेड से बड़ी उम्मीद
दीपेंद्र का अपना अलग अंदाज है। वे सीधा युवाओं से मिलते हैं। उनके साथ सेल्फी करवाते हैं और यह अहसास करवाते हैं कि वे उनके साथ हैं। दीपेंद्र की अपनी युवा टीम है जो पूरे जोशीले अंदाज में उनका स्वागत करती है। दीपेंद्र को युवाओं से बड़ी उम्मीदें हैं। युवाओं से इत्तर दीपेंद्र के साथ डॉ़ केवी सिंह, वरिष्ठ नेता राजकुमार शर्मा, डॉ़ सुशील इंदौरा, चरणजीत सिंह, बजरंग दास गर्ग, भरत सिंह बैनीवाल, संतोष बैनीवाल, विशाल वर्मा आदि समर्पित कार्यकर्ताओं की टीम है। वहीं फतेहाबाद से डॉ़ परमवीर सिंह, प्रहलाद सिंह गिलाखेड़ा, जरनैल सिंह, डॉ़ वीरेंद्र सिवाच सरीखे नेताओं का साथ है, जो सिरसा रैली को कामयाब बनाने में एड़ी-चोटी का जोर लगाएंगे।
इनसे चुनौती
सिरसा में कांग्रेस की यह रैली कई मायनों में खास होगी। वर्तमान में सिरसा में कांग्रेस पिछड़ रही है। कभी लक्ष्मण दास अरोड़ा के रूप में वर्षों तक सिरसा सीट पर काबिज रहने वाली कांग्रेस यह सीट गंवा रही है। यहां हरियाणा लोकहित पार्टी के गोपाल कांडा, युवा नेता गोकुल सेतिया अपना वर्चस्व साबित करने में लगे हैं। बात अगर सिरसा जिले की पांचों विधानसभा सीटों की करें तो सिरसा, रानियां व ऐलनाबाद में कांग्रेस पिछले विधानसभा चुनाव में कमजोर साबित हुई थी। सिरसा में हलोपा के गोपाल कांडा, रानियां में निर्दलीय प्रत्याशी चौ़ रणजीत सिंह चुनाव जीते थे, वहीं ऐलनाबाद से इनेलो के अभय सिंह विजयी रहे। कालांवाली व डबवाली सीट कांग्रेस के खाते में आई थी। जहां से शीशपाल केहरवाला व अमित सिहाग विधायक हैं।