हरियाणा में बिल्डिंग कोड में बड़ा बदलाव
संशोधन के तहत विभाग द्वारा जल संचयन प्रणाली यानी आरडब्ल्यूएच सिस्टम वाले भवनों का नियमित निरीक्षण किया जाएगा ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि वे सही तरीके से काम कर रहे हैं। यह निरीक्षण पूर्व सूचना के साथ किया जाएगा। यदि निरीक्षण के दौरान कोई गड़बड़ी पाई जाती है तो सुधार के लिए 4 हफ्तों का समय दिया जाएगा।
अगर 8 हफ्तों में सुधार नहीं हुआ तो ओसी (आक्यूपेशन सर्टिफिकेट) भी रद्द हो सकता है। इतना ही नहीं, हर भवन मालिक को प्रथम तिमाही में एक प्रमाणपत्र देना होगा कि उसकी वर्षा जल संचयन प्रणाली सुचारू रूप से कार्य कर रही है। यह प्रमाणपत्र ऑनलाइन पोर्टल पर अपलोड करना अनिवार्य होगा। पारदर्शिता बनाए रखने के लिए निरीक्षण रिपोर्ट को भी पोर्टल पर सार्वजनिक किया जाएगा। जल स्तर की निगरानी के लिए ऑटोमैटिक वाटर लेवल रिकॉर्डर (एडब्ल्यूएसआर) लगाने की योजना है।
इसलिए उठाया कदम
प्रदेश की नायब सरकार ने यह निर्णय इसलिए लिया है ताकि बिल्डर्स और रेजिडेंट्स को उत्तरदायित्व निभाने की प्रेरणा मिल सके। नकली या दिखावटी आरडब्ल्यूएच सिस्टम की पहचान आसानी से की जा सके। जल स्तर की वैज्ञानिक मॉनिटरिंग से बेहतर प्लानिंग हो सकेगी। टाउन एंड कंट्री प्लानिंग विभाग के निदेशक अमित खत्री ने आम लोगों से इस बदलाव पर 20 अगस्त तक अपने सुझाव और आपत्तियां दर्ज करवाने को कहा है। सुझावों व आपत्तियों को दूर करने के बाद सरकार संशोधन को लागू करेगी।