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Bhupendra Hooda : हुड्डा बोले- राज्यपाल के अभिभाषण में नहीं था कोई विजन और रोडमैप

चंडीगढ़, 15 नवंबर (ट्रिन्यू) पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा का कहना है कि 10 साल सत्ता में रहने के बावजूद अब तक बीजेपी के पास बताने के लिए कोई उपलब्धि नहीं है। कांग्रेस ने प्रति व्यक्ति आय, प्रति व्यक्ति निवेश,...
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चंडीगढ़ में शुक्रवार को पत्रकारों से बातचीत करते पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा।
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चंडीगढ़, 15 नवंबर (ट्रिन्यू)

पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा का कहना है कि 10 साल सत्ता में रहने के बावजूद अब तक बीजेपी के पास बताने के लिए कोई उपलब्धि नहीं है। कांग्रेस ने प्रति व्यक्ति आय, प्रति व्यक्ति निवेश, रोजगार देने और कानून व्यवस्था में हरियाणा को नंबर-वन राज्य बनाया था। ऐसे में 10 साल पहले की कांग्रेस सरकार पर भाजपा आज सवाल उठा रही है। ये तो उल्टा चोर कोतवाल को डांटे वाली बात हो गई है।

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वे शुक्रवार को चंडीगढ़ स्थित अपने सरकारी आवास पर पत्रकारों से बातचीत कर रहे थे। उन्होंने कहा कि कांग्रेस सरकार ने हरियाणा को विकास में नंबर वन बनाया था, भाजपा ने गरीबी में नंबर वन बना दिया है। खुद सरकारी आंकड़े बताते हैं कि आज हरियाणा की 70 प्रतिशत आबादी गरीबी रेखा से नीचे पहुंच गई है। यह भाजपा सरकार की नाकामी का स्पष्ट रिपोर्ट कार्ड है। भाजपा सरकार को बताना चाहिए कि उसके विकास के दावों और किसानों की डबल आय के वादों का क्या हुआ। अगर भाजपा कार्यकाल में विकास हुआ है तो फिर इतनी बड़ी आबादी गरीब कैसे हो गई।

राज्यपाल के अभिभाषण पर बोलते हुए हुड्डा ने कहा कि उसमें ना किसी तरह का विजन था और ना ही भविष्य के लिए कोई रोड मैप था। सरकार ने नई बोतल में पुरानी शराब पेश की है। अभिभाषण पर चर्चा में मुख्यमंत्री ने जो जवाब दिया वह भी जनता और विपक्ष के सवालों को संतुष्ट करने वाला नहीं था। उदाहरण के तौर पर, सरकार का कहना है कि प्रदेश में डीएपी की कोई कमी नहीं है। अगर ऐसा है तो फिर किसानों की इतनी लंबी-लंबी कतारें क्यों लगी हैं। क्यों एक-एक बैग खाद के लिए किसानों को इतना इंतजार करना पड़ रहा है।

हुड्डा ने कहा कि सच्चाई यह है कि सरकार ने समय रहते खाद का स्टॉक नहीं रखा। सरकार के पास एक लाख मीट्रिक टन का स्टॉक होना चाहिए था। लेकिन उसके पास सिर्फ 53000 मीट्रिक टन का ही स्टॉक था। यही वजह है कि भाजपा राज में थानों के भीतर खाद बंटती है। भविष्य में यूरिया को लेकर भी सरकार की कोई तैयारी नजर नहीं आ रही और आशंका है कि जब किसानों को यूरिया की जरूरत पड़ेगी, तब भी यही हाल होगा।

किसानों की समस्याओं का समाधान करने की बजाय सरकार पराली का बहाना लेकर उन पर केस और जुर्माना थोप रही है। सरकार को पराली की एमएसपी निर्धारित करके उसकी खरीद करनी चाहिए और किसानों पर कार्रवाई करने की बजाय उन्हें इस समस्या का समाधान करना चाहिए।

भर्तियों में गड़बड़ी की आशंका जाहिर की थी, नहीं हुई जांच

पूर्व सीएम हुड्डा ने कहा कि भर्तियों में गड़बड़ी को लेकर उन्होंने खुद विधानसभा में एक व्हाट्सएप चैट साझा की थी। उस वक्त सरकार ने उसकी जांच की हामी भरी थी। लेकिन आज तक जांच नहीं हुई। एचपीएससी के कार्यालय में डिप्टी सेक्रेटरी रंगे हाथों लाखों रुपए के साथ पकड़े गए और एचएसएससी के दफ्तर में कई कर्मचारी भर्ती रिजल्ट के साथ छेड़छाड़ करते पकड़े गए। उनसे पूछताछ में स्पष्ट हुआ कि हर भर्ती को लाखों रुपए लेकर बेचा गया। बावजूद इसके सरकार ने इस जांच को आगे नहीं बढ़ाया। न ही यह बताया कि पूरे मामले में किस अधिकारी पर क्या कार्रवाई हुई है। किसे क्या सजा मिली है और कौन-कौन सी भर्तियों में घोटाले हुए थे। सरकार को बताना चाहिए कि पकड़े गए लोगों ने कौन-कौन सी नौकरियों को पैसे लेकर बेचा था। हरियाणा की अलग विधानसभा के मुद्दे पर हुड्डा ने कहा कि सरकार को चंडीगढ़ पर अपना हक नहीं छोड़ना चाहिए। चंडीगढ़ में 40 प्रतिशत हिस्सेदारी हरियाणा की है। इसलिए मौजूदा विधानसभा के साथ ही नई विधानसभा का निर्माण होना चाहिए, ना कि कहीं दूर दूसरी जमीन पर।

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