भिवानी, 8 अगस्त (हप्र)
हरियाणा के भिवानी जिला के गांव धनाना की बेटी नीतू घणघस ने मुक्केबाजी के 48 किलोग्राम भार वर्ग में कॉमनवेल्थ खेलों में गोल्ड मेडल प्राप्त कर देश व प्रदेश का गौरव बढ़ाया है। नीतू घणघस ने रविवार को हुई प्रतियोगिता में इंग्लैंड की खिलाड़ी डैनीजेड रेस्टोन 5-0 से हराकर गोल्ड मेडल हासिल किया। फाइनल मुकाबले को नीतू के परिजनों एवं ग्रामीणों ने एकत्रित होकर देखा। नीतू की जीत के बाद भिवानी बॉक्सिंग क्लब में भी खिलाड़ियों एवं खेल प्रेमियों ने लड्डू बांटकर नीतू की जीत की खुशी मनाई। नीतू के पिता जयभगवान घणघस एवं भिवानी बॉक्सिंग क्लब के प्रधान कमल सिंह ने बताया कि नीतू एक प्रतिभाशाली खिलाड़ी है।
नीतू की माता मुकेश ने बताया कि उन्होंने नीतू घणघस के खेल को लेकर काफी मेहनत करनी पड़ी। हरियाणा को दूध-दही के खाने वाला प्रदेश माना जाता है। इसीलिए नीतू की खुराक में घी, दूध, दही का विशेष प्रबंध किया जाता रहा है। इसके लिए ऋण लेकर अढ़ाई लाख रूपये में उच्च किस्म की भैंस भी खरीदी गई थी, ताकि नीतू को उचित पोषण मिल सकें।
2012 में की बॉक्सिंग की शुरुआत
नीतू घणघस के करियर की बात करें तो उनके पिता जयभगवान की प्रेरणा से वर्ष 2012 से नीतू ने मुक्केबाजी की शुरुआत की। 19 अक्तूबर 2000 को जन्मी नीतू के पिता चंडीगढ़ विधानसभा में सरकारी नौकरी करते हैं। नीतू हरियाणा के भिवानी जिला के गांव धनाना में रहकर मुक्केबाजी करती रही है। भिवानी के मुक्केबाज बिजेंद्र ने जब 2008 में देश के लिए ओलंपिक मेडल लिया था, उसके बाद से ही नीतू और परिवार के दिमाग में मुक्केबाजी के खेल की तरफ रूझान बनाया था। जिसकी शुरूआत वर्ष 2012 में की गई। नीतू को अंतर्राष्ट्रीय मुक्केबाज मेरीकॉम के उत्तराधिकारी के तौर पर भी देखा जाता है। नीतू ने 2017 में आईबा यूथ वीमेन बॉक्सिंग प्रतियोगिता में गोल्ड मेडल जीता। वर्ष 2018 में एशियन यूथ बॉक्सिंग में भी गोल्ड मेडल प्राप्त किया। वर्ष 2022 में बुल्गारिया में हुई 73वें सरांडजा बॉक्सिंग टूर्नामेंट में गोल्ड मेडल प्राप्त किया। हालांकि इन उपलब्धियों के दौरान वर्ष 2016 व 2019 में नीतू को कंधे की चोट का सामना भी करना पड़ा। वर्ष 2016 में पेल्विक इंजरी से रिकवर होने के बाद नीतू ने आईबा यूथ बॉक्सिंग में मेडल लिया, लेकिन 2019 में चोट ने उसे लगभग दो साल मुक्केबाजी से दूर रखा।