भिवानी, 16 अप्रैल (हप्र)
झांवरी निवासी भावेश ख्यालिया ने सिविल सेवा परीक्षा में 46वां रैंक हासिल कर गांव व परिवार का नाम रोशन किया है। उन्होंने यह उपलब्धि दूसरे प्रयास में प्राप्त की है। इससे पहले उन्होंने एचसीएस (हरियाणा सिविल सेवा) परीक्षा में 12वां रैंक हासिल किया था। भावेश ने अपनी उपलब्धि का श्रेय माता-पिता, ताऊ, परिवार के अन्य सदस्यों व दोस्तों को दिया।
भावेश ने टाटा इंस्टीट्यूट आॅफ सोशल साइंस (हैदराबाद) से 2020 में ग्रेजुएशन किया था। वह अपने आईएएस ताऊ और एचसीएस चाचा से प्रेरित होकर कोरोना काल के दौरान समय का पूरा फायदा उठाते हुए घर पर ही तैयारियों में जुट गए। उनका सपना व जिद यूपीएससी की परीक्षा अच्छे रैंक से पास करना था। पहले प्रयास में उन्होंने 280वां रैंक हासिल किया था। भावेश ने बताया कि बैगर कोचिंग लिए उन्होंने घर पर 15 से 16 घंटे नियमित रूप से पढ़ाई की।
भावेश के ताऊ डाॅ. युद्धबीर सिंह ख्यालिया 1983 में एचसीएस चयनित हुए थे, फिर आईएएस पदोन्नत हुए। चाचा राजेश ख्यालिया 1999 में एचसीएस बने थे। लगभग 24 साल बाद भावेश ने उनकी परंपरा को आगे बढ़ाया है। भावेश की मां सुशीला ख्यालिया शिक्षिका रही हैं, पिता राजकुमार ख्यालिया गवर्नमेंट काॅलेज सिवानी से प्राचार्य के पद से 2022 में सेवानिवृत्त हुए।
मेहनत और लक्ष्य जरूरी
भावेश कहते हैं, ईमानदारी से मेहनत करते रहने से एक दिन सफलता अवश्य मिलती है। जीवन में कभी भी हार नहीं माननी चाहिए। कड़ी चुनौतियों का कड़ी मेहनत से सामना करना चाहिए और सफलता अपने आप आपके कदम चूमेगी। ज्यादातर लोगों के पास उनका निर्धारित लक्ष्य या प्लान नहीं होता, जबकि यह काफी आवश्यक है। हम जीवन में जो पाना चाहते हैं, उसे पाने के लिए पूर्व निश्चित कर लें कि हम किस दिशा में जाना चाहते हैं।