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भाकियू ने बिजली, पानी और फसल बीमा योजना को लेकर उठाई आवाज

घरौंडा, 5 जून (निस) गांव गुढ़ा में भारतीय किसान यूनियन की बैठक का आयोजन किया गया, जिसकी अध्यक्षता चौधरी बलबीर सिंह ने की। बैठक में किसानों की समस्याओं को लेकर गहन विचार-विमर्श किया गया। मुख्य रूप से बैठक में भाकियू...
घरौंडा के गांव गुढ़ा में प्रदेश सरकार के खिलाफ अपनी मांगों के समर्थन में नारेबाजी करते किसान।-निस
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घरौंडा, 5 जून (निस)

गांव गुढ़ा में भारतीय किसान यूनियन की बैठक का आयोजन किया गया, जिसकी अध्यक्षता चौधरी बलबीर सिंह ने की। बैठक में किसानों की समस्याओं को लेकर गहन विचार-विमर्श किया गया। मुख्य रूप से बैठक में भाकियू के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष सेवा सिंह आर्य ने भाग लिया और किसानों की स्थिति को लेकर चिंता जताई।

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बैठक में किसानों ने कहा कि बीते 75 वर्षों से सरकारें किसानों की अनदेखी करती आ रही हैं। यही कारण है कि अधिक उत्पादन के बावजूद किसान आर्थिक रूप से कमजोर होता जा रहा है और कर्ज के बोझ तले दबकर आत्महत्या जैसे कदम उठाने को मजबूर हो रहा है। किसानों ने सरकार से मांग की कि उन्हें उनकी फसलों का लागत मूल्य दिया जाए ताकि वे कर्ज से बाहर निकल सकें।

किसानों ने बताया कि धान की फसल का सीजन शुरू होने वाला है, लेकिन जिन किसानों ने सिक्योरिटी भर दी है, उन्हें बिजली के कनेक्शन नहीं मिले। कई किसानों ने ट्रांसफॉर्मर बदलने की मांग की थी, लेकिन विभाग ने कोई ध्यान नहीं दिया, जिससे किसान परेशान हैं। भाकियू के जनरल सेक्रेटरी टेकचंद ने कहा कि प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना में पारदर्शिता लाई जाए, ताकि हर किसान को सही लाभ मिल सके।

साथ ही उन्होंने प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि की राशि 6,000 से बढ़ाकर 18,000 रुपये प्रति वर्ष करने की मांग रखी। किसान नेता राजपाल ने कहा कि केंद्र सरकार ने इस वर्ष धान पर केवल 69 रुपए की एमएसपी बढ़ाई है, जो किसानों के साथ मजाक है। बलदेव सिंह और भीम सिंह ने नकली खाद, बीज और दवाइयों की बिक्री पर सख्त कार्रवाई की मांग की।

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