अम्बाला शहर, 20 जुलाई (हप्र)
गेहूं खराबे का मुआवजा किस्तों में देने और किसानों की खराब हुई पूरी फसल का मुआवजा नहीं दिए जाने का भारतीय किसान यूनियन ने कड़ा विरोध किया है। मामले में भाकियू प्रतिनिधिमंडल ने डीसी को अपनी मांगों को एक ज्ञापन सौंपा।
भाकियू शहीद भगत सिंह के जिला प्रधान गुरमीत सिंह ने डीसी को वर्ष 2022 में अधिक वर्षा के कारण गेहूं की खराब हुई स्थिति से अवगत करवाया। किसान नेताओं ने कहा कि कई गांवों में तो 100 प्रतिशत फसल ही खराब हो गई जबकि पूरे जिला में औसत 90 प्रतिशत गेहूं फसल अधिक वर्षा की भेंट चढ़ गई। इससे किसानों को बहुत ज्यादा नुकसान हुआ है लेकिन तमाम वादे करके भी न तो सरकार और न ही बीमा कंपनी गेहूं खराबे का मुआवजा किसानों को दे रही है। उन्होंने बताया कि औसतन 90 प्रतिशत मुआवजे के रूप में किसानों के खाते में एक से दो हजार रुपए प्रति एकड़ डाला जा रहा है जो किसानों को स्वीकार नहीं है। यूनियन नेताओं ने मांग की कि किसानों को क्रॉप कटिंग के हिसाब से मुआवजा दिया जाए। साथ ही यह मुआवजा एक इकट्ठा दिया जाए, ताकि किसानों के काम आ सके। किसान नेताओं ने बताया कि यदि सरकार या प्रशासन की ओर से आज के ज्ञापन पर शीघ्र कोई कार्रवाई नहीं होगी तो किसानों की बैठक बुलाकर आगे की रणनीति बनाई जाएगी। इस अवसर पर वजिंदर सिंह कंबोज, गुरदीप सिंह आदि अनेक किसान थे।