चरखी दादरी, 4 जुलाई (निस)
इंसान अगर चाहे तो वीराने में भी चमन पैदा कर सकता है। कुछ इसी तरह का एक नवसृजन हो रहा है गांव कादमा की पहाड़ियों में। तीन तरफ से घिरी हुई पहाड़ियों के बीच की जमीन को जलाशय में परिवर्तित किया जा रहा है और वह भी एक खूबसूरत अंदाज में।
पानी की आमतौर पर इस इलाके में कमी बनी रहती है। रेतीला क्षेत्र होने की वजह से भूजलस्तर भी करीब 500 फुट तक नीचे जा चुका है। बरसात के दिनों पानी बरसता है तो उसी समय थोड़ी बहुत राहत मिलती है। कादमा निवासी कमलसिंह ने बताया कि किसी जमाने में राजस्थान के अलवर क्षेत्र की साहबो नदी का पानी यहां आता था। समय के साथ-साथ यहां आबादी में तो विस्तार हुआ, लेकिन कादमा की हरियाली समाप्त होती चली गई। अब इस क्षेत्र को फिर से हरा-भरा बनाने के लिए दो सौ बाई दो सौ फुट क्षेत्र में पांच फुट गहरे चक डैम का निर्माण किया जा रहा है। खंड विकास एवं पंचायत अधिकारी सुभाष शर्मा ने बताया कि एबीपीओ राजेश कुमार की निगरानी में मनरेगा स्कीम से यह चक डैम बनाया जा रहा है। इस जलाशय में जमा होने वाला पानी पशु-पक्षियों के तो काम आएगा ही, साथ बनी गौशाला को भी इसका लाभ होगा। राजेश कुमार ने बताया कि केवल पानी का स्टोरेज करना इसका मकसद नहीं, इस क्षेत्र में सुंदर पौधों को रोपित कर इसे एक रमणीक स्थल के रूप में विकसित किया जाएगा। फिलहाल इस कार्य पर करीब 10 लाख रुपये खर्च होने की संभावना है।
कादमा और आसपास के गांवों के महिला-पुरूष यहां रोजाना सुबह अपने कस्सी तसले लेकर आते हैं। आते ही यहां की मिट्टी खोदकर दूर डालना शुरू कर देते हैं। बीडीपीओ सुभाष शर्मा ने बताया कि मनरेगा स्कीम का यही फायदा है, एक तो काम का काम और दूसरा अपने क्षेत्र का विकास भी।