दिनेश भारद्वाज/ट्रिन्यू
चंडीगढ़, 18 जनवरी
हरियाणा के शहरों में अवैध तरीके से काटी गई कालोनियों में भी अब मूलभूत सुविधाएं दी जाएंगी। इसके लिए सरकार पॉलिसी तैयार कर रही है। पॉलिसी के ड्रॉफ्ट को लेकर दो-तीन बैठकें हो चुकी हैं। मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर आगामी बजट सत्र में इस पॉलिसी का ऐलान कर सकते हैं। पचास प्रतिशत से कम बसी कालोनियों को भी नियमित कर उनमें बिजली-पानी, सीवेरज, सड़क व पार्क जैसी मूलभूत सुविधाएं लोगों को मुहैया कराई जाएंगी। सरकार द्वारा इसके लिए राज्य के सभी जिलों में सर्वे करवाया गया है। सरकार ने पहली बार निकाय विभाग की बजाय टाउन एंड कंट्री प्लानिंग विभाग से सर्वे करवाया है। ड्रोन के जरिये हुए सर्वे के बाद जिलों से रिपोर्ट आई है। हरियाणा में 50 से अधिक निकायों नगर निगम, नगर परिषद व नगर पालिका के चुनाव लंबित हैं। इनका कार्यकाल जून में पूरा हो चुका है और वर्तमान में ये निकाय प्रशासकों के हवाले किए हुए हैं। गुरुग्राम नगर निगम जैसे बड़े शहरों के निकायों को छोड़कर अधिकांश पालिकाएं घाटे में चल रही हैं। इसी के चलते सरकार ने अनियमित कालोनियों को वैध करने की योजना तैयार की है। इससे सरकार के खजाने में पैसा आएगा, जिससे इन कालोनियों में विकास कार्य किए जा सकेंगे। पूर्व की हुड्डा सरकार ने भी बड़ी संख्या में अनियमित कालोनियों को नियमित किया था। खट्टर पार्ट-। में भी 1500 के लगभग कालोनियां वैध घोषित हो चुकी हैं। सरकार द्वारा विकास कार्यों के लिए बनाई जा रही पॉलिसी में विकास शुल्क की अलग-अलग कैटेगरी होंगी। साइबर सिटी गुरुग्राम को ए-प्लस कैटेगरी के शहरों में रखा जाएगा। ऐसे में यहां विकास शुल्क बाकी हरियाणा से अधिक होगा। इसी तरह से फरीदाबाद, सोनीपत, रोहतक, पंचकूला सहित कई शहर ‘ए’ कैटेगरी में होंगे। वहीं ‘बी’ और ‘सी’ कैटेगरी के शहरों के लिए विकास दरें अलग होंगी। इतना ही नहीं, नगर निगम, नगर परिषद और नगर पालिकाओं के हिसाब से भी अनियमित कालोनियों में विकास शुल्क की दरें अलग-अलग हो सकती हैं। प्रदेश में शहरी स्थानीय निकायों के चुनावों से पहले ही अवैध कालोनियों को नियमित करने का फैसला सरकार ले सकती है।
शहरों से बाहर भी होंगे विकास कार्य
प्रदेश में हजारों की संख्या में ऐसी कालोनियां भी हैं, जो शहरों से बाहर बसी हैं। ये कालोनियों निकायों के अधिकार क्षेत्र से भी बाहर हैं। इन कालोनियों में भी मूलभूत सुविधाएं सरकार देगी। इसके लिए विधानसभा के शीतकालीन सत्र में बिल पास किया जा चुका है। निकायों के अधिकार क्षेत्र से बाहर बसी कालोनियों के लोगों को भी विकास कार्यों के लिए विकास शुल्क देना होगा। निकाय विभाग शहरवाइज विकास शुल्क का ड्राफ्ट तैयार कर रहा है।
” प्रदेश की अवैध कालोनियों को नियमित किया जाएगा ताकि उनमें रहने वाले लोगों को मूलभूत सुविधाएं मुहैया करवाई जा सकें। उन्हीं कालोनियों को नियमित करके विकास किया जाएगा, जिस कालोनी के बाशिंदे विकास शुल्क देंगे। इसके लिए पॉलिसी बन रही है और मुख्यमंत्री बजट सत्र के दौरान इसकी घोषणा करेंगे। ”
-दुष्यंत चौटाला, उपमुख्यमंत्री