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गांव मैहरमाजरा के बेटे बसंत सिंह को आईएएस में 47वां रैंक

तीन साल पहले वैशाली सिंह ने एचसीएस अफसर बन बढ़ाया था गांव का मान
बूडिया क्षेत्र के गांव मैहरमाजरा निवासी बसंत सिंह परिवार के साथ। -निस
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अरविंद शर्मा/निस

जगाधरी, 16 अप्रैल

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बूडिया इलाके के गांव मैहरमाजरा की ख्याति में तरक्की का एक और तगमा लग गया है। गांव के बेटे बसंत सिंह ने यूपीएससी की परीक्षा में 47वां रैंक  लेकर परिवार व इलाके का नाम रोशन किया है।

करीब तीन साल पहले इसी परिवार की वैशाली सिंह का चयन एचसीएस के लिए हुआ था। बेटे के आईएएस अफसर बनने से यहां खुशी का माहौल है। ग्रामीण गांव में आने पर बेटी का भव्य स्वागत करने की बात कह रहे हैं।

मंगलवार को घोषित हुए परिणाम में बसंत सिंह का 47वां रैंक आया है। पिछली बार की परीक्षा में बसंत सिंह का चयन एलाइड के लिए हुआ था। वह आजकल इंडियन डिफेंस अकाउंट सर्विसस (आईडीएएस) की पूना में ट्रेनिंग ले रहा है। मूल रूप से गांव मेहरमाजरा के रहने वाले बसंत सिंह के पिता बलींद्र सिंह खादी ग्राम उद्योग में लेखा अधिकारी के पद पर दिल्ली में कार्यरत हैं। बलींद्र सिंह ने बताया कि बेटा बंसत सिंह पहले बैंगलोर में मल्टीनेशनल कंपनी में अच्छी पोस्ट पर सेवाएं दे चुका है। बच्चे शुरू से ही पढ़ने-लिखने में होनहार रहे हैं। उन्होंने बताया कि करीब तीन साल पहले प्रथम प्रयास में ही बेटी वैशाली सिंह का चयन एचसीएस के लिए हुआ था। बेटी आजकल पंचकूला में ईटीओ के पद पर कार्यरत है। फोन पर संपर्क करने पर बलींद्र सिंह का कहना था कि औलाद तरक्की करे तो सभी को अच्छा लगता है। भगवान करे ऐसी संतान सभी को मिले। वहीं बसंत सिंह के चयन पर गांव में खुशी का माहौल है। गांव के सरपंच परमींद्र सिंह जेलदार, महींद्र सिंह, पूर्व सरपंच जसबीर, जैलदार धर्मेंद्र, रवींद्र गुर्जर, शक्ति सिंह, रजीनश गुर्जर, बाबा रमेश, पूर्व चेयरमैन बृजपाल सिंह, बृशपाल सिंह, बिजेंद्र आदि ने खुशी जताई है। उन्होंने बताया कि इस गांव से खादी कमिशन के निदेशक डाॅ. सैंहसपाल, पूर्व एचसीएस आफिसर प्रेमसिंह भी अधिकारी रहे हैं। ओंकार सिंह इफको में अधिकारी रहे। खादी ग्राम उद्योग में बलींद्र सिंह अधिकारी हैं।

गांव के रमेश बाबा का कहना है कि बसंत के गांव में आने पर सबसे पहले दादा खेड़े की धोक लगवाई जाएगी।

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