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गोरखपुर परमाणु ऊर्जा प्लांट तक बैरल और लिंक चैनल बनेगा

प्लांट में पानी पहुंचाने की योजना, सरकार खर्च कर रही 442 करोड़
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मुख्यमंत्री नायब सैनी।
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सिंचाई विभाग की 100 करोड़ से अधिक लागत की परियोजनाओं की सीएम ने की समीक्षा

चंडीगढ़, 16 जून (ट्रिन्यू)

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फतेहाबाद के गोरखपुर में स्थापित किए जा रहे प्रदेश के पहले परमाणु ऊर्जा प्लांट तक पानी की आपूर्ति के लिए विशेष योजना पर काम चल रहा है। सिंचाई विभाग द्वारा 442 करोड़ 64 लाख रुपये से अधिक लागत की परियोजनाओं पर काम तेज किया हुआ है। इसके तहत आरसीसी बैरल और लिंक चैनल निर्मित किए जा रहे हैं। मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने इस प्रोजेक्ट को जल्द पूरा करने के अधिकारियों को निर्देश दिए हैं।

सीएम ने सोमवार को चंडीगढ़ में सिंचाई विभाग की 100 करोड़ रुपये से अधिक लागत की परियोजनाओं को लेकर समीक्षा बैठक की। बैठक में मुख्य सचिव अनुराग रस्तोगी, मुख्यमंत्री के मुख्य प्रधान सचिव राजेश खुल्लर, जनस्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग के आयुक्त एवं सचिव मोहम्मद शाइन, इंजीनियर-इन-चीफ सतबीर कादियान सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे। इस दौरान सीएम ने कहा कि राज्य सरकार सिंचाई एवं जल ढांचे को मजबूत करने के लिए दृढ़ एव ठोस कदम उठा रही है।

उन्होंने कहा कि सिंचाई और जल संसाधन विभाग के अंतर्गत पांच प्रमुख परियोजनाएं क्रियान्वित की जा रही हैं। इनमें से प्रत्येक में 100 करोड़ रुपये से अधिक का निवेश होगा। इन परियोजनाओं का उद्देश्य जल संरक्षण को बढ़ाना, सिंचाई दक्षता में सुधार करना शामिल है। मुख्यमंत्री ने सख्त निर्देश दिए कि परियोजनाओं की इंजीनियरिंग ड्राइंग में अनावश्यक देरी नहीं होनी चाहिए। ड्राइंग के अनुमोदन में देरी के चलते परियोजनाओं के क्रियान्वयन में विलंब होता है।

उन्होंने ड्राइंग के अनुमोदन में देरी के लिए जिम्मेदार अधिकारियों के विरुद्ध सख्त कार्रवाई करने के निर्देश दिए। उन्होंने परियोजनाओं में गुणवत्ता पर विशेष ध्यान देने के भी निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि गुणवत्ता में किसी भी प्रकार से समझौता नहीं किया जाएगा। सैनी ने कहा कि दादूपुर से हमीदा हेड तक नई समानांतर लाइन चैनल (पीएलसी) और डब्ल्यूजेसी का आधुनिकीकरण 274.87 करोड़ रुपये के साथ किया जा रहा है।

इसका लक्ष्य गैर-मानसून अवधि के दौरान हथिनीकुंड बैराज से होने वाले रिसाव के नुकसान को कम करना है। अब तक 64.5 प्रतिशत काम पूरा हो चुका है। परियोजना को मार्च-2026 तक पूरा करने का लक्ष्य रखा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि डब्ल्यूजेसी ब्रांच (75.25 किमी) तक ऑग्मेंटेशन नहर का पुनर्निर्माण 383 करोड़ रुपये की लागत से किया जा रहा है। इस परियोजना का 81 प्रतिशत कार्य पूरा हो चुका है और जून-2025 तक पूरा होने की संभावना है।

इसी प्रकार पीडी ब्रांच (मुनक से खुबड़ू हेड) की लाइनिंग और रीमॉडलिंग का कार्य 197.80 करोड़ रुपए से किया जा रहा है। इस परियोजना के अंतर्गत 145.25 किलोमीटर में कंक्रीट लाइनिंग का कार्य शामिल है। उन्होंने कहा कि 145.99 करोड़ रुपये की लागत वाली हथिनीकुंड बैराज के डाउनस्ट्रीम में डायाफ्राम वॉल के निर्माण की संरचनात्मक सुरक्षा परियोजना का कार्य प्रगति पर है।

नायब सिंह सैनी ने कहा कि मानसून 2025 के लिए सिंचाई विभाग ने मानसून के दौरान निर्बाध जल आपूर्ति और बुनियादी ढांचे की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए अल्पकालिक रणनीतियों की रूपरेखा तैयार की है। इसमें हथिनीकुंड बैराज पर अस्थायी सुरक्षात्मक कार्य और महत्वपूर्ण नहरों में निर्वहन क्षमता को अधिकतम करना शामिल है। हरियाणा सरकार इन मेगा-प्रोजेक्ट्स के समय पर क्रियान्वयन के लिए प्रतिबद्ध है, जो राज्य की जल सुरक्षा और कृषि स्थिरता के लिए महत्वपूर्ण हैं। चुनौतियों पर काबू पाने और तेजी से काम पूरा करने के लिए निरंतर निगरानी, अंतर-विभागीय समन्वय और हितधारक जुड़ाव को प्राथमिकता दी जा रही है।

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