खेतों में मिट्टी की जांच करवाने में बापौली ब्लाॅक सबसे आगे, पानीपत सबसे नीचे
- किसानों के रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर पर भेजी जा रही जांच रिपोर्ट
- पानीपत के किसानों का धीरे-धीरे बढ़ रहा मिट्टी की जांच करवा खेती करने की तरफ रूझान
पानीपत 13 जून (हप्र)
जिले के किसानों का खेतों की मिट्टी व पानी की कृषि विभाग की लैबों में जांच करवाकर खेती करने की तरफ रूझान बढ़ने लगा है। विभाग की पानीपत व मतलौडा में बड़ी लैब और समालखा व इसराना में मिनी लैब हैं। किसानों की मिट्टी व पानी की फ्री जांच होती है। पिछले 3 साल में कृषि विभाग की लैबों में करीब 1 लाख 54 हजार मिट्टी के सैंपल पहुंचे और उनमें से 1.18 लाख सैंपलों की जांच हो चुकी है। पानीपत ब्लाॅक में 28,014 सैंपल, समालखा में 26,435, बापौली में 33,312, इसराना में 33,693 और मतलौडा ब्लाॅक में 32,523 सैंपल पहुंचे। इन लैबों में या तो किसान खुद अपने खेत की मिट्टी के सैंपल ला सकते हैं और या फिर हर खेत स्वस्थ खेत स्कीम के तहत सरकार द्वारा नियुक्त किये किसान सहायक सैंपल लेकर आते हैं। लैब में मिट्टी के 12 पोषक तत्वों जींक, आयरन, मैग्नीज, कॉपर, पीएच, ईसी, आर्गेनिक कार्बन, सल्फर, फास्फोरस व पोटाश की जांच होती है। मिट्टी की जांच रिपोर्ट सीधे किसान के रजिस्टर्ड मोबाइल पर भेजी जाती है। उसके बाद ब्लाॅक के संबंधित कृषि अधिकारी किसान को सलाह देते हैं और उसको अपने खेत में कौन से व किस मात्रा में खाद आदि का प्रयोग करना है। कृषि विभाग के उप निदेशक डाॅ. आत्मा राम गोदारा व पानीपत लैब के एसटीओ डाॅ. सत्यवान ने कहा कि सभी किसानों को अपने खेत की मिट्टी व पानी की जांच अवश्य करवानी चाहिये। कृषि विभाग की लेबों में फ्री में जांच की जाती है।
मिट्टी की जांच करवाने से खेती में बढ़ेगी पैदावार
कृषि विभाग के उप निदेशक आत्मा राम गोदारा व एसडीओ देवेंद्र कुहाड़, बागवानी विभाग के डीएचओ डाॅ. शार्दूल शंकर, केवीके ऊझा के कोऑर्डिनेटर डाॅ. सतपाल ने बताया कि मिट्टी की जांच करवाकर खेती करने से सही मात्रा में जिस भी पोषक तत्च की कमी होती है, उसी मात्रा में खाद आदि डालने से पैदावार बढ़ती है। इससे जमीन बंजर होने से बचेगी और प्राकृतिक संसाधनों का सदुपयोग होगा।