कुरुक्षेत्र, 28 अप्रैल (हप्र)
बीती देर रात निजी अस्पताल के डाॅक्टर तथा मरीजों के परिजन आॅक्सीजन की मांग को लेकर उपायुक्त आवास पर पहुंच गए थे। वहीं जिला परिषद के सीईओ अश्वनी मलिक ने अस्पताल का निरीक्षण किया तो पता चला कि सुबह साढ़े 4 बजे तक की आॅक्सीजन अस्पताल में है। अश्वनी मलिक ने बताया कि डाॅक्टर स्वयं कोरोना से ग्रसित हैं लेकिन उसके बावजूद डाॅक्टर अधिकारियों, पत्रकारों तथा मरीजों के अभिभावकों से मिल रहे हैं, जो कोरोना के नियमों के विरुद्ध है। उन्होंने कहा कि डाॅक्टर के खिलाफ उचित कार्रवाई की जाएगी।
कुरुक्षेत्र के सिविल सर्जन डाॅ. सुखबीर सिंह ने बताया कि उपायुक्त शरणदीप कौर बराड़ के निर्देशानुसार गठित कमेटी द्वारा बुधवार को उक्त डाॅक्टर के अस्पताल राधाकिशन अस्पताल का निरीक्षण किया गया। निरीक्षण के दौरान पाया गया है कि अस्पताल के डाॅक्टर लोकेन्द्र गोयल स्वयं कोरोना पाॅजिटिव होने के बाद अस्पताल में दाखिल कोविड मरीजों का उपचार कर रहे हैं। उन्होंने इसे कोविड-19 के प्रोटोकोल के नियमों की अवहेलना बताया।
उन्होंने बताया कि राधाकिशन अस्पताल को निर्देश दिए गए हैं कि वह अपने अस्पताल में कोविड-19 के मरीजों की भर्ती बंद करें और स्वयं को 17 दिनों के लिए आइसोलेट करें। चेतावनी दी गई कि यदि निर्देशों की पालना नहीं की गई तो डाॅक्टर के खिलाफ उचित कार्रवाई की जाएगी।
मरीजों के परिजनों के साथ गया था डीसी के द्वार
नगर के एक प्राइवेट अस्पताल के डाॅक्टर लोकेन्द्र गोयल द्वारा अस्पताल में आॅक्सीजन की कमी की घोषणा के बाद जहां अस्पताल में दाखिल कोरोना मरीजों के अभिभावकों और परिजनों की सांसें फूली रही वहीं प्रशासन भी देर रात्रि तक सारे मामले की पूरी जानकारी जुटाने और अस्पताल के लिए आॅक्सीजन उपलब्ध करवाने में लगा रहा। डाॅक्टर तथा मरीजों के परिजन आॅक्सीजन की मांग को लेकर उपायुक्त आवास पर पहुंच गए। मामला तब शांत हुआ जब वहां उपस्थित जिला परिषद के सीईओ अश्वनी मलिक ने जल्द से जल्द आॅक्सीजन पहुंचने का आश्वासन दिया। इस दौरान अस्पताल के डाॅक्टर लोकेन्द्र गोयल ने पत्रकारों से बातचीत करते हुए बताया कि उनके अस्पताल में लगभग 100 मरीज कोरोना से ग्रसित उपचाराधीन हैं और उनमें से कइयों को आॅक्सीजन की सख्त जरूरत है लेकिन उनके अस्पताल में आॅक्सीजन लगभग डेढ़ घंटे की बची हुई है।