राजेश शर्मा/हप्र
फरीदाबाद, 26 अप्रैल
श्रीनगर की डल झील व नैनीताल की नैना झील की तरह देश-विदेश में विख्यात बड़खल झील अब एक बार फिर से गुलजार होगी। पिछले 28 सालों से अपनी दुर्दशा पर आंसू बहा रही यह झील अब फिर से अपने पुराने अस्तित्व में लौटेगी तथा पिकनिक प्वाइंट बनकर सैलानियों को लुभाएगी। बड़खल झील में पानी भरने से जहां झील के साथ लगते बड़खल हलके का जल स्तर ऊंचा होगा, वहीं यहां पर्यावरण को भी फायदा मिलेगा। बड़खल की विधायक सीमा त्रिखा व मुख्यमंत्री मनोहर लाल के इस ड्रीम प्रोजेक्ट को पूरा करने के लिए राज्य सरकार 78 करोड़ रुपये खर्च कर रही है, जिससे सूखी झील में फिर से रौनक लाई जा सके।
फरीदाबाद की बड़खल झील किसी भी मायने में श्रीनगर की डल झील व नैनीताल की नैना झील से कम नहीं है। पूर्व प्रधानमंत्री दिवंगत इंदिरा गांधी, अटल बिहारी वाजपेयी, पूर्व राष्ट्रपति ज्ञानी जैल सिंह, पूर्व मुख्यमंत्री बंसीलाल, भजनलाल तथा फिल्म स्टार दलीप कुमार के पसंदीदा स्थानों में यह जगह शुमार थी और वे यहां आकर ठहरते थे। यहां रोजाना सैलानियों का जमावड़ा रहता था तथा झील में चलती नाव दृश्य को मनमोहक बनाती थी। जिले के लोगों के लिए यह सबसे पसंदीदा पर्यटन स्थल था, जहां लोग अपने बच्चों के शादी-विवाह भी पक्का करते थे, वहीं द बर्निंग ट्रेन सहित कई हिंदी फिल्मों की शूटिंग भी इसी झील पर हुई थी। इसके अलावा टीवी सीरियल व टेली फिल्म निर्माताओं का पह पसंदीदा स्थान था। लेकिन सरकार की उदासीनता व अवैध खनन की वजह से इस झील में पानी सूख गया और पिछले 28 सालों से यह झील सूखी पड़ी होने के चलते अपनी दुर्दशा पर आंसू बहा रही है। बड़खल हलके से विधायक बनते ही सीमा त्रिखा ने इस मामले को गंभीरता से लिया और मुख्यमंत्री मनोहरलाल के समक्ष इस सूखी झील को भरने की अपील की। जिसे गंभीरता से लेते हुए मुख्यमंत्री ने अधिकारियों की ड्यूटी लगाकर इस सूखी झील को भरने के लिए विशेष बजट का प्रावधान कर योजना को अमलीरूप प्रदान करने के आदेश दिए। जिसके तहत अब फरीदाबाद के सेक्टर-21 में एक एसटीपी तैयार किया गया है, जहां तीन स्तर पर पानी की सफाई करके पाइप लाइन से इसे झील तक पहुंचाया जाएगा। योजना के अनुसार पूरी झील में चिकनी मिट्टी का लेप कर पानी छोड़कर सूखी मिट्टी से जमीन को नम किया जाएगा, उसके बाद इसमें पानी भरकर झील का रूप दिया जाएगा। वहीं पानी रोकने के लिए बांध को भी मजबूत किया जाएगा। इसके अलावा चारों ओर हरियाली को सुंदरता देकर इस झील में फिर से नौका विहार शुरू किया जाएगा। झील को पानी से लबालब करने के लिए झाड़ियों को काटने व साफ-सफाई के लिए वन विभाग ने एनओसी प्रदान कर दी है तथा विभाग ने एनओसी के बाद अपना कार्य तेज कर दिया है। प्रदेश के मुख्य सचिव संजीव कौशल स्वयं इस मामले को गंभीरता से ले रहे हैं। हाल ही में सूरजकुंड मेला के दौरान उन्होंने स्वयं संबंधित अधिकारियों के साथ मुआयना कर अधिकारियों को आदेश देकर तय समय सीमा में कार्य पूरा करने के आदेश दिए। संभावना है कि जल्द ही झील अपने पुराने स्वरूप में लौट आएगी और इसकी खूबसूरती खूब लुभाएगी।
वर्ष 1947 में हुआ निर्माण
अरावली पर्वतमाला की गोद में बड़खल गांव के रकबे में 1947 में स्वतंत्रता के तुरन्त बाद 40 एकड़ में इस झील का निर्माण हुआ था। वर्ष 1972 में हरियाणा सरकार ने यहां पर्यटन को बढ़ावा देने के उद्देश्य से रिसोर्ट का भी निर्माण करवाया था। वर्ष 1975 से वर्ष 1990 तक यह झील व पर्यटन केन्द्र भारत के लोकप्रिय पर्यटन केन्द्रों में रहा, क्योंकि यह उस समय की सबसे सुन्दर पर्यटन स्थलों में से एक था।
”बड़खल झील को इसके पुराने अस्तित्व में लाना मेरा सपना है, जो अब पूरा होने जा रहा है। इस झील में पानी भरने के लिए विभाग की ओर से युद्धस्तर पर कार्य किया जा रहा है। तथा जल्द ही झील फिर से सैलानियों का पसंदीदा स्थल बनेगा तथा यहां होने वाला नौका विहार सभी को अपनी ओर आकृषित करेगा। झील को पुराने अस्तित्व में लौटाने के लिए मुख्यमंत्री मनोहरलाल, केंद्रीय मंत्री कृष्णपाल गुर्जर व अधिकारियों का धन्यवाद, जोकि कार्य को पूर्ण करने में दिन-रात लगे हैं। -” -सीमा त्रिखा, विधायक बड़खल