चंडीगढ़, 30 अगस्त (ट्रिन्यू)
हरियाणा के पंचायती राज संस्थाओं जिला परिषद, ब्लाक समिति और ग्राम पंचायतों में पिछड़ा वर्ग को आरक्षण मिलने का रास्ता आसान होता नजर आ रहा है। मंगलवार को हरियाणा राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग ने सीएम मनोहर लाल खट्टर से मुलाकात कर अपनी रिपोर्ट सौंप दी। संयोग से बुधवार को मंत्रिमंडल की बैठक भी होनी है। ऐसे में इस बात की भी प्रबल संभावना है कि कैबिनेट की इसी बैठक में आयोग की रिपोर्ट पर मुहर लग जाए। आयोग चेयरमैन जस्टिस दर्शन सिंह ने अपनी रिपोर्ट में काफी सिफारिशें की हैं। इसी माह सरकार ने आयोग का गठन किया था। आयोग का गठन भी पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट के निर्देशों के तहत हुआ। दरअसल, प्रदेश सरकार ने पंचायती राज संस्थाओं में पिछड़ा वर्ग के लोगों को 8 प्रतिशत आरक्षण देने का फैसला लिया था। इसे हाईकोर्ट में चुनौती दी गई। हाईकोर्ट ने सरकार के फैसले पर रोक लगा दी। बाद में ये निर्देश दिए गए कि पिछड़ा वर्ग आयोग की सिफारिश के बिना आरक्षण नहीं दिया जा सकता।
इसके बाद ही सरकार ने आयोग का गठन किया। जस्टिस दर्शन सिंह आयोग ने प्रदेशभर में पिछड़ा वर्ग को आरक्षण को लेकर जनसुनवाई की। लोगों के सुझाव भी लिए गए और आपत्तियां भी दर्ज की गई। इतना ही नहीं, आयोग ने प्रदेश के विभिन्न राजनीतिक दलों के साथ भी बैठक करके उनके सुझाव लिए। बताते हैं कि रिपोर्ट में पिछड़ा वर्ग की आबादी के हिसाब से आरक्षण दिए जाने की सिफारिश की गई है।
समान रूप से आठ प्रतिशत आरक्षण सरकार नहीं दे सकती। ऐसे में अब वार्डों में पिछड़ा वर्ग की आबादी के हिसाब से आरक्षण तय किया जाएगा। सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों के तहत राज्य में पंचायती राज संस्थाओं के चुनाव 30 सितंबर तक करवाए जाने हैं। सरकार की ओर से इसके लिए राज्य चुनाव आयोग को हरी झंडी भी दी जा चुकी है, लेकिन मामला पिछड़ा वर्ग आयोग की रिपोर्ट को लेकर रुका हुआ था। बहुत संभव है कि अब कैबिनेट में भी इस रिपोर्ट पर मुहर लग जाए।