विनोद जिन्दल/हप्र
कुरुक्षेत्र, 9 अप्रैल
हरियाणा सरकार के उच्चतर शिक्षा विभाग ने विश्वविद्यालयों में सेल्फ फाइनेंस कोर्स को बजटेड में कन्वर्ट करने से संबंधित जारी पत्र को वापस ले लिया है। इससे शिक्षकों, गैर शिक्षकों तथा विद्यार्थियों की खुशी उदासी में बदल गयी है।
विभाग ने 15 मार्च, 2022 को जारी पत्र में सभी विश्वविद्यालयों को सेल्फ फाइनेंस पाठयक्रमों को बजटेड में बदलने के निर्देश दिए और लिख दिया कि विश्वविद्यालय एसएफएस को बजट में अनुमोदित करके, इसका बजट बनाकर जल्द राज्य सरकार को भेजे। अब 8 अप्रैल, 2022 जारी पत्र में लिख दिया कि 15 मार्च, 2022 के पत्र को आगामी आदेशों तक वापस ले लिया गया है क्योंकि यह पत्र अनजाने में भेज दिया गया था। 8 अप्रैल का पत्र आते ही विश्वविद्यालय के सभी वर्गों में फैली खुशी की लहर उदासी में बदल गई है।
दोनों पत्रों को लेकर विश्वविद्यालय के शिक्षकों, गैर शिक्षकों तथा विद्यार्थियों में अलग-अलग चर्चाएं शुरू हो गई हैं। विश्वविद्यालय के शिक्षक 8 अप्रैल के पत्र के बारे में पता चलते ही तुरंत विश्वविद्यालय के कुलपति से मिले। उच्चतर शिक्षा विभाग हरियाणा के निदेशक से बातचीत की और इस मामले को लेकर मिलने का समय भी ले लिया। इतना ही नहीं कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय शिक्षक संघ के पदाधिकारियों ने तुरंत प्रैस वार्ता बुलाकर रोष प्रकट किया।
पत्रकारों से बातचीत करते हुए कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय शिक्षक संघ के अध्यक्ष डाॅ. विवेक गौड़ ने बताया कि जैसे ही उन्हें 8 अप्रैल के पत्र के बारे में पता चला तो वे एकदम हैरान रह गए कि क्या कभी सरकार के स्तर पर भी इस प्रकार से हो सकता है और वह भी ऐसे मामले में जो वर्ष 2017 से सरकार के विचाराधीन है।
मुख्यमंत्री से करेंगे मुलाकात
गौड़ ने बताया कि यदि तब भी इस समस्या का हल नहीं हुआ तो वे हरियाणा के मुख्यमंत्री को मिलेंगे। उन्हें सारी स्थिति से अवगत करवाएंगे। साथ ही प्रदेशभर के विधायकों और मंत्रियों को भी ज्ञापन देंगे। इसके साथ ही गैर शिक्षक कर्मचारियों तथा विद्यार्थियों से भी बातचीत की जाएगी। उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा कि पूरे प्रदेश में एक जन आंदोलन खड़ा किया जाएगा। उन्होंने सरकार से मांग की कि उच्चतर शिक्षा विभाग अपना 8 अप्रैल, 2022 का पत्र तुरंत वापस ले और 15 मार्च, 2022 के पत्र को लागू करवाया जाए।
दैनिक ट्रिब्यून ने खबर को दी थी प्राथमिकता
15 मार्च का पत्र लागू होने से विश्वविद्यालय के सभी वर्गों के हजारों कर्मचारियों, शिक्षकों तथा विद्यार्थियों को लाभ होने जा रहा था लेकिन अब सभी निराश और हताश लग रहे हैं। दैनिक ट्रिब्यून ने सेल्फ फाइनेंस कोर्स होंगे बजटेड में कन्वर्ट नामक खबर काफी प्रमुखता से प्रकाशित की थी।
सरकार को गलत जानकारी दी गई
कुटा के सचिव डाॅ. जितेन्द्र खटकड़ ने कहा कि 15 मार्च के पत्र को वापस लेने के बारे में अभी तुरंत तो कुछ नहीं कहा जा सकता लेकिन लगता है कि इस पत्र को वापस करवाने में सरकार को गलत जानकारी दी गई है। उन्होंने भी इस पत्र को दोबारा लागू करवाने तथा 8 अप्रैल के पत्र को वापस लेने की मांग करते हुए कहा कि उच्चतर शिक्षा विभाग को चाहिए कि वे जुलाई 2018 से विश्वविद्यालय को दी जाने वाली गाइडलाइन्स के बारे में जो मामला पेंडिंग है उसे तुरंत रिलीज किया जाए। गाइडलाइन जारी की जाएं। इस अवसर पर संघ के कोषाध्यक्ष डाॅ. चन्द्रकांत, पूर्व प्रधान डाॅ. परमेश कुमार तथा संघ के सहसचिव डाॅ. संदीप गुप्ता उपस्थित थे। सभी ने एक आवाज में कहा कि वे एक सप्ताह के अंदर-अंदर 8 अप्रैल के पत्र को वापस करवाकर रहेंगे।