हरीश भारद्वाज/हप्र
रोहतक, 9 मार्च (हप्र)
अस्थल बोहर रोहतक में स्थित बाबा मस्तनाथ मठ में बुधवार को नागा साधुओं की अगुवाई में रैबारी समाज ने बाबा मस्तनाथ की पूजा-अर्चना की। इसी के साथ तीन दिवसीय मेले का शुभारंभ हुआ। समाधि स्थल पर माथा टेकने के बाद बाबा मस्तनाथ का दरबार आम लोगों के लिए खोल दिया गया। देशभर से और कुछ भक्तों ने तो विदेशों से आकर नाथ पंथ के इस सिद्ध तपस्वी स्थल पर शीश नवाया। इससे पूर्व शरीर पर भस्म रमाए नागा साधु नाचते-गाते बाबा के समाधि स्थल पहुंचे। मठ के महंत बालकनाथ योगी गुरु गोरखनाथ की आरती करने पहुंचे। मठ का संपूर्ण परिसर पूरी तरह दूधिया रोशनी में सराबोर दिखा। मेले के चलते बड़े-बड़े झूले, खिलौने, शृंगार व खाने-पीने के सामान के स्टाल सजे हुए नजर आए। शाम तक मेले में श्रद्धालुओं के आने का सिलसिला जारी रहा।
तीन दिन तक चलने वाले मेले के पहले दिन शाम को भजन संध्या का आयोजन किया गया। भजन संध्या में महावीर गुड्डू एंड पार्टी के गाए भजनों पर समस्त भक्त झूम उठे। इनके साथ ही कई और कलाकारों ने भजन प्रतिभा के दर्शन कराए।
गुड, कंबल चढ़ाकर मांगी मन्नतें
मेला प्रबंधन समिति द्वारा मेले परिसर में आने वाले श्रद्धालुओं के लिए मास्क व सेनेटाइजर की व्यवस्था का विशेष ध्यान रखा गया। सिद्ध शिरोमणि बाबा मस्तनाथ की समृति में शुरू हुए मेले का अपना इतिहास है। बाबा मस्त नाथ मठ में श्रद्धालु समाधि स्थल और धुने पर माथा टेककर मन्नत मांगते हैं। इसके साथ ही बाबा मस्तनाथ की समाधि पर गुड़ व काला कंबल चढ़ाकर पूजा करते हैं।
बंचारी का नगाड़ा
समाधि स्थल से कुछ दूर रखा बंचारी का नगाड़ा आकर्षण का केंद्र बना रहा। मेला परिसर में स्वच्छता जल बचाओ और अन्य संदेश देने वाले पोस्टर नजर आए। वहीं, रोहतक से ही आए बैंड वालों ने समा बांधा। श्रद्धालुओं ने अपनी मनपसंद का बैंड भी बजवाया और झूम कर जय मस्तनाथ महाराज, जय बालकनाथ योगी के जयकारे भी लगाए।