करनाल, 19 मई (हप्र)
करनाल चीनी मिल प्रबंधन ने कांग्रेस द्वारा लगाये गये आरोपों को आधारहीन बताते हुए कहा है कि यह मिल की छवि को धूमिल करने का दुर्भावना से प्रेरित प्रयास है। कांग्रेस के जिला संयोजक तिरलोचन सिंह व अन्य नेताओं द्वारा लगाये गये आरोपों का जवाब देते हुए सहकारी चीनी मिल करनाल की प्रबंध निदेशक अदिति ने बताया कि 8 अप्रैल, 2021 को नए प्लांट पर गन्ना पिराई प्रारंभ की गई। यदि नए प्लांट का ट्रायल पिराई सत्र के दौरान न किया जाता तो पुरानी मिल को अगले सत्र के लिए फिर से रखरखाव करना पड़ता, जिसमें लगभग 3 से 4 करोड़ रुपए खर्च आता। उन्होंने बताया कि प्रदूषण बोर्ड ने पुराने मिल में दो 2200 टीसीडी प्लांट पर आधुनिक प्रदूषण संयंत्र न होने पर कुछ आपत्तियां लगाई थी जिसका यथाशक्ति निराकरण किया गया। परंतु पुराने प्लाट पर 33 लाख रुपए का जुर्माना लगाया गया। उन्होंने कहा कि मिल द्वारा अंडर प्रोटेस्ट यह जुर्माना भरा गया तथा यह मामला हाईकोर्ट में विचाराधीन है। उन्होंने कहा कि नए प्लांट पर किसी तरह का कोई जुर्माना नहीं लगाया गया और वह सभी प्रकार की पर्यावरण अनुमति लेने उपरांत ही प्लाट चलाया गया। उन्होंने बताया कि फास्फोरिक एसिड नए शुगर प्लांट का एक महत्वपूर्ण केमिकल है। इस केमिकल की खरीद का परचेज कमेटी द्वारा फैसला लिया गया था और निदेशक मंडल द्वारा स्वीकृत किया गया।