ट्रिब्यून न्यूज सर्विस
चंडीगढ़, 28 मार्च
हरियाणा कैबिनेट की फर्जी मीटिंग और इस मीटिंग के फर्जी लेटर के जरिये तीन शहरों – गुरुग्राम, रोहतक और सोनीपत में जमीन रिलीज करवाने की कोशिश की गई। इस पहले कुछ होता, मामला पकड़ में आ गया। इस पर कड़ा नोटिस लेते हुए मुख्य सचिव टीवीएसएन प्रसाद के आदेशों पर डीएलआर (डायरेक्टर, लेंड रिकार्ड) ने पंचकूला पुलिस स्टेशन में केस दर्ज करवा दिया है। पुलिस ने जांच शुरू कर दी है।
सूत्रों का कहना है कि कुछ प्राइवेट लोगों ने सरकारी कर्मचारियों व बिल्डर आदि के साथ मिलकर 500 करोड़ रुपये से भी अधिक कीमत की जमीन को रिलीज करवाने की पटकथा लिखी। दरअसल, कैबिनेट मीटिंग के फर्जी पत्र के माध्यम से इस पूरे मामले को अंजाम देने की कोशिश की गई। गुरुग्राम में जमीन रिलीज के दो तथा रोहतक व सोनीपत में एक-एक मामले में फर्जी पत्र के जरिये यह कोशिश हुई है।
मामला सामने आते ही पूरी ब्यूरोक्रेसी सकते में है। हरियाणा में अपनी तरह का यह पहला मामला सामने आया है।
सूत्रों का कहना है कि तीन-चार रोज पहले पूर्व सीएम मनोहर लाल के पास इससे जुड़ी एक शिकायत पहुंची। बताते हैं कि शिकायत करने वाले ने पूर्व सीएम को कैबिनेट मीटिंग का एक पत्र भी दिखाया। उन्होंने इस संदर्भ में मुख्य सचिव टीवीएसएन प्रसाद से बात की। पत्र की जांच की गई तो वह फर्जी निकला। इतना ही नहीं, मुख्य सचिव की कैबिनेट ब्रांच ने रिकार्ड चैक किया तो पता लगा कि जिस डेट का लेटर जारी हुआ है, उन दिनों में कोई कैबिनेट की मीटिंग ही नहीं हुई। सूत्रों का कहना है कि ब्रांच के 3 कर्मचारियों से भी इस मामले में पूछताछ की गई है। गुरुग्राम के अलावा पंचकूला के भी एक प्रॉपर्टी डीलर की इसमें संदिग्ध भूमिका बताई जा रही है।
इस केस को लेकर गुरुग्राम, रोहतक और सोनीपत पुलिस भी हरकत में आ गई है। तीनों जिलों के प्रशासनिक अधिकारियों ने भी जांच-पड़ताल शुरू कर दी है ताकि यह पता लगाया जा सके कि जमीन रिलीज के नाम पर लोगों के साथ ठगी तो नहीं हुई है।
ऐसे तैयार की भूमिका सूत्रों का कहना है कि गुरुग्राम में बादशाहपुर के अलावा राजीव चौक की बेशकीमती जमीन को रिलीज कराने की भूमिका तैयार की गई। इसके लिए कैबिनेट मीटिंग का एक फर्जी लेटर तैयार किया गया। लेटर में 15 और 21 दिसंबर, 2023 की तारीख दर्ज हैं। इन दोनों ही डेट में कैबिनेट मीटिंग नहीं हुई। लेटर फर्जी है, यह इसलिए जल्द पकड़ में आ गया क्योंकि इस नोट में मुख्यमंत्री और एफसीआर के पद लिखे हुए थे। कैबिनेट मीटिंग के सिस्टम में मीटिंग का नोट वरिष्ठता के हिसाब से होता है। इसी तरह से रोहतक और सोनीपत में भी जमीन रिलीज के लिए कैबिनेट मीटिंग के फर्जी लेटर तैयार किए गए। इस पूरे मामले में राजस्व एवं आपदा प्रबंधन विभाग के कुछ कर्मचारियों की मिलीभगत की आशंका भी जताई जा रही है।