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अटेली कस्बे को 10 साल में भी नहीं मिला उपमंडल का दर्जा, दौंगड़ा को उपतहसील बनाने की मांग भी अधूरी

मंडी अटेली, 29 अगस्त (निस) विधानसभा चुनाव को लेकर मंडी अटेली क्षेत्र में भी राजनीतिक सरगर्मियां तेज हो गई हैं। अटेली विधानसभा क्षेत्र में परिसीमन के बाद कनीना व अटेली कस्बे के अलावा 104 गांवों को शामिल किया हुआ है।...

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मंडी अटेली, 29 अगस्त (निस)

विधानसभा चुनाव को लेकर मंडी अटेली क्षेत्र में भी राजनीतिक सरगर्मियां तेज हो गई हैं। अटेली विधानसभा क्षेत्र में परिसीमन के बाद कनीना व अटेली कस्बे के अलावा 104 गांवों को शामिल किया हुआ है। विधायक सीताराम के कार्यकाल में कटकई व कनीना क्षेत्र में बिजली के नये स्टेशन, 90 गांवों में नये जल घर के निर्माण के साथ नयी पेयजल लाइन का कार्य करवाया गया है। इसके अलावा भू-जलस्तर की बढ़ोतरी के दो लुप्त नदियों की खुदवाई हुई है। अटेली क्षेत्र में पिछले 10 साल से भाजपा का राज चल रहा है। 2009 में यहां से विधायक अनीता यादव बनने पर मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने कनीना का उपमंडल व अटेली को उपतहसील का दर्जा दिया गया। उसके बाद 2014 में पूर्व डिप्टी स्पीकर संतोष यादव के विधायक बनने पर सुुंदरह गांव वेजिटेबल होर्टिकल्चर सेंटर, सेहलंग में मल्टी स्किल डवेलपमेंट सेंटर, अटेली में फ्लाईओवर, नीरपुर व चेलावास में फायर स्टेशन को तोहफा मिला। वहीं अटेली को सबडिवीजन व दौंगड़ा को उप-तहसील का दर्जा न मिलने से क्षेत्र वासियों में काफी रोष है। लोगों का कहना है कि भाजपा का 10 साल का शासन बीत जाने के बाद तथा विधायक द्वारा विधानसभा में कई बार यह मुद्दा उठाने के बावजूद उनकी मांग को पूरा नहीं किया गया है। लोगों ने आरोप लगाया कि तत्कालीन मुख्यमंत्री मनोहर लाल द्वारा 2 साल पहले अटेली कस्बे के लिए गंदे पानी की निकासी के लिए 4 करोड़ से अधिक की राशि मंजूर के बाद नाले के निर्माण व गंदे पानी की निकासी के कार्य की फाइलें चक्कर काट रही है। अटेली क्षेत्र में युवाओं द्वारा खेल स्टेडियम की मांग को लेकर अनेक बार प्रदर्शन व महांपचायत हो चुकी है लेकिन मांग को अनसुना किया हुआ है। इस मांग को लेकर युवाओं में सरकार के प्रति खासा रोष है। खेल स्टेडियम की मांग का नेतृत्व करने वाले ललित डाबड़ कोच ने बताया कि कस्बे में ऑडिटोरियम का 2019 में निर्माण शुरू हुआ था लेकिन 5 साल बीत जाने के बाद भी यह कार्य पूर्ण नहीं हुआ है।

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