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कांग्रेस में चुनावी नतीजों के हिसाब से तय होंगी विधानसभा की टिकटें !

जिस नेता के हलके में प्रत्याशी रहेंगे कमजोर, वहां नेताओं का टिकट का दावा भी रहेगा नरम
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ट्रिब्यून न्यूज सर्विस

चंडीगढ़, 16 मई

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हरियाणा में कांग्रेस को लोकसभा चुनावों में भितरघात का खतरा बढ़ गया है। बात दिल्ली तक पहुंच गई है। पार्टी के हरियाणा मामलों के प्रभारी दीपक बाबरिया ने इस आशंका और अंदरूनी रिपोर्ट को देखते हुए प्रदेश कांग्रेस के सभी नेताओं व कार्यकर्ताओं के नाम पत्र जारी किया है। उन्होंने इस पत्र के जरिये स्पष्ट कर दिया है कि लोकसभा चुनावों के नतीजों के हिसाब से विधानसभा चुनावों में प्रत्याशियों का चयन होगा। दीपक बाबरिया द्वारा लिखी गई ‘चेतावनी’ पूर्ण चिट्ठी की कांग्रेस ही नहीं, भाजपा के गलियारों में भी चर्चा है। इस पत्र में बाबरिया ने दावा किया है कि हरियाणा में इंडिया गठबंधन आठ से दस सीटों पर जीत हासिल कर सकता है। 2019 के लोकसभा चुनावों में कांग्रेस सभी दस सीटों पर चुनाव हारी थी। यहां बता दें कि हरियाणा में विधानसभा चुनाव लोकसभा चुनाव के नतीजों के लगभग तीन महीने बाद कभी भी घोषित हो सकते हैं।

हरियाणा में नई सरकार का गठन 25 अक्तूबर से पहले होना है। ऐसे में सितंबर महीने में चुनावों का कार्यक्रम घोषित किए जाने की प्रबल संभावना है। हरियाणा में लोकसभा की दस सीटों के नतीजों को विधानसभा चुनावों के सेमीफाइनल के तौर पर देखा जा रहा है। कांग्रेस से जुड़े सूत्रों के अनुसार फरीदाबाद, भिवानी-महेंद्रगढ़, करनाल, गुरुग्राम व हिसार सीट पर भितरघात होने की सबसे अधिक आशंका है। सिरसा में भी अंदरखाने विरोध से इनकार नहीं किया जा सकता। दिल्ली से जुड़े कांग्रेस सूत्रों का कहना है कि पार्टी नेतृत्व के पास कई सीटों पर अंदरखाने कांग्रेस नेताओं द्वारा ही पार्टी के अधिकृत प्रत्याशियों का विरोध किए जाने की खबरें पहुंची हैं।

इतना ही नहीं, कई नेता और वरिष्ठ कार्यकर्ता ऐसे हैं, जो घर बैठ गए हैं। चुनाव में वे सक्रिय नजर नहीं आ रहे हैं। पार्टी के वरिष्ठ नेताओं के दौरों के दौरान ही ऐसे नेताओं के चेहरे देखने को मिलते हैं। इसी वजह से दीपक बाबरिया को पार्टी नेताओं और कार्यकर्ताओं के नाम यह पत्र जारी करना पड़ा है।

प्रभारी ने पत्र में आरोप लगाया है कि भाजपा धांधली और चालबाजियों से चुनाव की निष्पक्षता और पारदर्शिता को प्रभावित करने की कोशिश कर रही है।

उन्होंने कहा कि अगर कांग्रेस कार्यकर्ता मेहनत करेंगे और मतदान प्रतिशत बढ़ाएंगे तो भाजपा की चाल को विफल किया जा सकता है। ऐसे में पार्टी कार्यकर्ताओं को चाहिए कि वे मतदाताओं के घर-घर जाएं और उन्हें पार्टी नेता राहुल गांधी द्वारा जारी किए गए ‘न्याय पत्र’ और कांग्रेस की नीतियों के बारे में बताएं। उन्हें अधिक से अधिक मतदान के लिए प्रेरित करें।

बाबरिया ने दी यह चेतावनी

दीपक बाबरिया ने पार्टी नेताओं को लिखे गए पत्र में दो-टूक कहा है कि लोकसभा चुनावों के नतीजों और नेताओं के प्रदर्शन के हिसाब से विधानसभा चुनावों में टिकटों का आवंटन होगा। उन्होंने पार्टी के वरिष्ठ नेताओं के अलावा मौजूदा विधायक, 2019 का चुनाव लड़ने वाले प्रत्याशियों और विधानसभा चुनाव लड़ने की इच्छा रखने वाले नेताओं को नसीहत दी है कि अगर उनके हलकों में कांग्रेस प्रत्याशी कमजोर होते हैं तो विधानसभा टिकट में उनका दावा कमजोर हो जाएगा। पार्टी चुनावी नतीजों के बाद सभी दस पार्लियामेंट और इनके तहत आने वाले विधानसभा हलकों का ‘रिपोर्ट कार्ड’ तैयार करेगी। सबसे अधिक चुनौती पार्टी के विधायकों के सामने है। अभी कांग्रेस के 30 विधायक हैं।

2019 में 79 हलकों में लीड थी भाजपा की

2019 के लोकसभा चुनावों में भाजपा ने सभी दस लोकसभा क्षेत्रों में जीत हासिल की थी। नतीजों के हिसाब से पार्टी प्रत्याशियों ने 79 विधानसभा हलकों में लीड प्राप्त की थी। वहीं कांग्रेस को महज 10 हलकों में लीड हासिल हुई थी और एक हलके नारनौंद (हिसार लोकसभा सीट) में जजपा उम्मीदवार दुष्यंत चौटाला को लीड मिली थी। गुरुग्राम से प्रत्याशी रहे कैप्टन अजय सिंह यादव को नूंह, फिरोजपुर-झिरका और पुन्हाना हलके में लीड मिली थी। पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्‌डा सोनीपत से चुनाव लड़े थे और उन्हें केवल दो हलकों – खरखौदा और बरोदा में ही लीड मिल पाई थी। रोहतक में दीपेंद्र हुड्‌डा को पांच हलकों – बादली, झज्जर, गढ़ी-सांपला-किलोई, महम व बेरी में लीड मिली थी।

'' कांग्रेस नेता कितने ही पत्र लिख लें, उनकी गुटबाजी कभी कम नहीं होने वाली। भाजपा राष्ट्रवादी पार्टी है और राष्ट्र का भला सोचती है। कांग्रेस परिवारों तक सीमित है। कांग्रेस के परिवारवाद की वजह से ही आज पार्टी का सूपड़ा पूरे देश में साफ हो चुका है। हरियाणा में भाजपा फिर सभी दस सीटों पर जीत दर्ज करेगी। ''

-प्रदीप अहलावत, भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता

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