झज्जर, 9 मई (हप्र)
दीपेंद्र हुड्डा ने एक बार हरियाणा में राष्ट्रपित शासन लागू करने की मांग उठाई है। उन्होंने कहा है कि मौजूदा भाजपा सरकार अल्पमत में आ गई है। इसलिए अल्पमत वाली इस सरकार को अब सत्ता में रहने का कोई नैतिक अधिकार नहीं है। दीपेंद्र ने कहा कि 88 सदस्यों वाले सदन में बहुमत के लिए 45 विधायकों का समर्थन जरूरी है, जबकि भाजपा के पास 42 से ज्यादा विधायक नहीं हैं। उन्होंने हरियाणा के राज्यपाल महोदय से मांग करी कि इस मामले का संज्ञान लेकर हरियाणा में विधानसभा भंग कर तुरंत राष्ट्रपति शासन लगाएं और नये चुनाव कराएं।
दीपेंद्र हुड्डा बादली विधानसभा के गांव बाबरा, डावला, हसनपुर,कंजैया, शाहजहापुर, बिलोचपुरा सहित दर्जनों गांवों में अपनी चुनावी सभाएं कर रहे थे। उन्होंने कहा कि ये चुनाव कोई साधारण चुनाव नहीं है। भाजपा का संविधान पर हमला है।
बादली कांग्रेस विधायक कुलदीप वत्स के साथ चुनावी दौरा कर रहे दीपेंद्र हुड्डा ने कहा कि उन्होंने अपने कार्यकाल में बादली, झज्जर, बहादुरगढ़, महम, कोसली, रोहतक, कलानौर, सांपला समेत 17 शहरों में बाइपास बनवाये और छुछकवास, मातन, सुबाना और बेरी का बाइपास एनसीआर प्लानिंग बोर्ड से मंजूर करा दिया था लेकिन 10 साल में 4 मंजूरशुदा बाइपास भी नहीं बनवा पायी भाजपा सरकार। प्रदेश में कमजोर सरकार के चलते इंटरनेशनल एयरपोर्ट और रेल कोच फैक्टरी जैसी बड़ी परियोजनाएं हरियाणा से दूसरे प्रदेशों में चली गई।
दीपेंद्र हुड्डा ने कहा कि जो हरियाणा 2014 से पहले विकास में नंबर 1 पर माना जाता था वो हरियाणा आज विकास की पटरी से उतर गया।
उन्होंने कहा कि जब महम का हवाई अड्डा, रेल कोच फैक्ट्री को छीना जा रहा था, बाढ़सा एम्स-2 में बनने वाले 10 संस्थानों के काम में रोड़े अटकाये जा रहे थे, सीआरपीएफ का ग्रुप सेंटर, साखौल से आगे झज्जर रोहतक आने वाली मेट्रो बननी थी, उसके लिए हरियाणा की सत्ता में बैठे लोगों और मौजूदा सांसद ने कोई आवाज़ तक नहीं उठाई।
उन्होंने कहा कि साढ़े 9 साल में हरियाणा भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गया और बेरोजगारी में देश का नंबर वन राज्य बन चुका है।