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समय से पूर्व हो सकते हैं विधानसभा चुनाव!

आज और कल हरियाणा का दौरा करेगा भारत का निर्वाचन आयोग
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दिनेश भारद्वाज/ट्रिन्यू

चंडीगढ़, 11 अगस्त

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हरियाणा में विधानसभा चुनाव इस बार समय से थोड़ा पहले होने के आसार हैं। चुनाव आयोग की तैयारियों और हरियाणा सरकार द्वारा लगातार की जा रही घोषणाओं से इसके संकेत मिल रहे हैं। सरकार में टॉप ब्यूरोक्रेसी के लोग ही नहीं, सरकार से जुड़े नेताओं को भी ऐसा ही लगता है। माना जा रहा है कि जम्मू-कश्मीर में विधानसभा के चुनाव करवाने के नियम आड़े आने की वजह से तीन राज्यों – हरियाणा, महाराष्ट्र व झारखंड में चुनावी बिगुल समय से पहले बज सकता है।

अब राज्य सरकार के हाथ में भी कुछ नहीं है। जिस भी राज्य में विधानसभा का कार्यकाल छह महीने से कम बचा होता है, उसमें आयोग कभी भी चुनावों का ऐलान कर सकता है। अभी तक यही माना जा रहा था कि सितंबर के आखिरी सप्ताह में चुनावों का कार्यक्रम घोषित होगा। लेकिन अब इस तरह की खबरें हैं कि सितंबर के पहले सप्ताह के आसपास चुनाव आयोग चुनावों की घोषणा कर सकता है। इस सोमवार और मंगलवार को और भी स्थिति स्पष्ट होने की उम्मीद है।

दरअसल, भारत के चुनाव आयोग की टीम दो दिन हरियाणा का दौरा करेगी। चंडीगढ़ में राज्य निर्वाचन आयोग के अलावा सरकार के अन्य वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बैठकें होंगी। इन बैठकों में चुनावी तैयारियों की समीक्षा की जाएगी। फिलहाल आयोग की टीम जम्मू-कश्मीर में गई हुई है। वहां से सीधे हरियाणा ही आने का कार्यक्रम है। सीएमओ (मुख्यमंत्री कार्यालय) से जुड़े अधिकारी भी मानते हैं कि अंदरखाने चुनावों की व्यापक स्तर पर तैयारियां शुरू हो चुकी हैं।

पिछले 18 दिनों में हरियाणा कैबिनेट की 17 अगस्त को तीसरी बैठक होगी। 4 अगस्त को सीएम नायब सिंह सैनी ने कुरुक्षेत्र में घोषणाएं की और 5 अगस्त की कैबिनेट बैठक में उन पर मुहर भी लगा दी। इसी तरह 7 अगस्त को जींद में राज्य स्तरीय तीज महोत्सव में की गई घोषणाओं को 8 अगस्त की कैबिनेट में मंजूरी देकर सिरे चढ़ाया गया। पंद्रह अगस्त को भी मुख्यमंत्री द्वारा बड़े स्तर पर घोषणाएं किए जाने की उम्मीद है। दो दिन बाद यानी 17 अगस्त को फिर कैबिनेट मीटिंग होगी।

बहुत संभव है कि सरकार विधानसभा का सत्र भी इसलिए नहीं बुला रही। नियमों के हिसाब से छह महीने के भीतर सत्र बुलाया जाना अनिवार्य है। इससे पहले 13 मार्च को एक दिन का सत्र बुलाया गया था।

12 सितंबर से पहले सत्र बुलाना अनिवार्य है। कैबिनेट में ही कई फैसलों और बदलावों को लागू करने के लिए आर्डिनेंस जारी किए जा रहे हैं। अगर सरकार को सत्र बुलाना होता तो आर्डिनेंस लाने की जरूरत नहीं थी। सीधे विधानसभा में ही विधेयक पेश किया जा सकता था।

अक्तूबर में होने हैं चुनाव

हरियाणा में विधानसभा के चुनाव अक्तूबर में होने हैं। ऐसे में सितंबर के आखिरी सप्ताह में कार्यक्रम जारी होने की उम्मीद थी। लेकिन अगर सितंबर के पहले सप्ताह के आसपास ही चुनावों का कार्यक्रम जारी होता है तो अक्तूबर के पहले ही पखवाड़े में सरकार का भी गठन हो जाएगा। इस हिसाब से इस बार पंद्रह से बीस दिन पहले राज्य में नई सरकार बन सकती है।

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