झज्जर, 28 मई (हप्र)
बिना ऑक्सिजन सिलेंडर के माउंट एवरेस्ट के शिखर के सबसे नजदीक पहुंचने वाली पहली भारतीय बन गई है अस्मिता। अस्मिता का सफर माउंट एवरेस्ट के शिखर से 100 मीटर पहले ही खत्म हो गया। अस्मिता ने 8,848 मीटर ऊंची माउंट एवरेस्ट की चढ़ाई 8748.86 मीटर तक ही पूरी की। चोटी से 100 मीटर दूर ही अस्मिता का दिखना बंद हो गया और मजबूरी में उसे वापस लौटना पड़ा। गौर हो कि अस्मिता झज्जर जिले की बहू हैं और वरुण शर्मा के साथ उनकी शादी वर्ष-2021 में हुई थी। बता दें कि बछेंद्री पाल पहली भारतीय महिला है जिन्होंने माउंट एवरेस्ट पर चढ़ाई की। उन्हीं की शिष्या अस्मिता ने नया मुकाम हासिल किया है।
अस्मिता ने बताया कि जब माउंट एवरेस्ट का शिखर 100 मीटर दूर रह गया तो उन्हें दिखना बंद हो गया और उन्हें वापस लौटना पड़ा। उन्होंने बताया कि बंगाल की एक और महिला भी बिना ऑक्सिजन के माउंट एवरेस्ट की चढ़ाई कर रही थी लेकिन वो 500 मीटर दूर रह गई थी। इस अवसर पर अस्मिता ने कहा कि वह प्रयास करेगी कि अगली बार वह बिना ऑक्सिजन के माउन्ट एवरेस्ट के शिखर पर तिरंगा फहराकर ही लौटेंगी। गौर हो कि पर्वतारोही अस्मिता, जमशेदपुर के टाटा स्टील एडवेंचर फाउंडेशन में इंस्ट्रकटर है। टीएसएएफ में काम के दौरान ही उन्हें उन्होंने झज्जर के रहने वाले वरुण शर्मा से वर्ष-2021 में शादी कर ली थी।
पिता बछेंद्रीपाल के शेरपा थे
पर्वतारोही अस्मिता के पिता शेरपा अंग दोरजी पहली भारतीय महिला पर्वतारोही बछेंद्रीपाल के शेरपा रहे हैं। खून में ही पहाड़ों पर चढ़ने का जुनून और जज्बा लेकर पैदा हुई अस्मिता का बिना ऑक्सिजन के 8748 मीटर तक पहुंच पाना ही एक रिकॉर्ड है। अस्मिता अब तक 7075 मीटर ऊंची माउंट सतोपंथ, माउंट धर्मसूड़ा, माउंट गंगोत्री, माउंट स्टोप कांगड़ी, कांगयांगत्से, जोजोंगो की चढ़ाई भी पूरी कर चुकी है। माउंट एवरेस्ट की चढ़ाई के लिए अस्मिता हर रोज कई किलोमीटर साइकिलिंग करती थी और 20 किलो वजन लेकर चढ़ाई भी करती थी।