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गठबंधन टूटते ही जींद की सत्ता में हिस्सेदारी भी समाप्त

जसमेर मलिक/हप्र जींद, 13 मार्च प्रदेश में भाजपा-जजपा का गठबंधन टूटते ही प्रदेश की राजनीति को दिशा देने वाले जींद जिले की सत्ता में हिस्सेदारी भी समाप्त हो गई है। पिछले 15 साल के दौरान जींद की सत्ता में हिस्सेदारी...
दुष्यंत चौटाला
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जसमेर मलिक/हप्र

जींद, 13 मार्च

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प्रदेश में भाजपा-जजपा का गठबंधन टूटते ही प्रदेश की राजनीति को दिशा देने वाले जींद जिले की सत्ता में हिस्सेदारी भी समाप्त हो गई है। पिछले 15 साल के दौरान जींद की सत्ता में हिस्सेदारी केवल 2019 से 12 मार्च 2024 तक ही रही।

गौरतलब है कि वर्ष-2019 में जब प्रदेश में भाजपा को पूर्ण बहुमत नहीं मिल पाया था और जजपा को 10 सीटें मिली थी। तब भाजपा और जजपा के बीच गठबंधन हुआ था। गठबंधन में जींद जिले के उचाना कलां विधानसभा क्षेत्र से जजपा विधायक दुष्यंत चौटाला को डिप्टी सीएम का पद मिला था।

दुष्यंत चौटाला ने जींद जिले से होते हुए पानीपत से डबवाली तक नेशनल हाईवे मंजूर करवाया। जींद के हेबतपुर गांव में मेडिकल कॉलेज की योजना को धरातल पर उतारने में अहम भूमिका निभाई। उनके डिप्टी सीएम रहते जींद के लोगों को सत्ता में अपनी हिस्सेदारी महसूस होती थी। अब उनके सत्ता से बाहर होने के साथ ही जींद जिले की सत्ता में हिस्सेदारी भी समाप्त हो गई है।

सत्ता में हिस्सेदारी के मामले में पिछले 15 साल में जींद जिले की हिस्सेदारी 11 साल तक खाली रहीं। यह सिलसिला 2009 के बाद शुरू हुआ था। इन विधानसभा चुनावों में कांग्रेस की दूसरी बार सरकार भूपेंद्र हुड्डा के नेतृत्व में बनी थी, लेकिन जींद जिले में कांग्रेस पांच में से एक भी सीट नहीं जीत पाई थी।

जींद में कांग्रेस के दिग्गज नेता तत्कालीन वित्त मंत्री बीरेंद्र सिंह को उचाना कलां, परिवहन और शिक्षा मंत्री मांगेराम गुप्ता को जींद और पूर्व मंत्री बच्चन सिंह आर्य को सफीदों में हार का सामना करना पड़ा था। जींद से कांग्रेस का एक भी विधायक नहीं बनने के कारण 2009 से 2014 तक जींद की सत्ता में कोई हिस्सेदारी नहीं रही।

2014 के विधानसभा चुनाव में जींद जिले में भाजपा को केवल उचाना कलां विधानसभा सीट पर जीत हासिल हुई थी। उचाना से भाजपा की विधायक प्रेमलता को पूरे 5 साल सरकार में मंत्री पद नहीं मिला। 2019 के जींद उप चुनाव और 2019 के आम चुनाव में जींद विधानसभा सीट से भाजपा के डॉ कृष्ण मिड्ढा विधायक बने, लेकिन उन्हें मंत्री पद नहीं मिल पाया। इस दौरान केवल 2019 से 12 मार्च 2024 तक दुष्यंत चौटाला डिप्टी सीएम और हैवीवेट मंत्री रहे।

यहां से विधायक ओपी चौटाला बने थे सीएम

प्रदेश की राजनीति में एक दौर वह भी था, जब 1999 से 2005 तक ओमप्रकाश चौटाला प्रदेश के सीएम रहे। ओमप्रकाश चौटाला फरवरी 2000 से फरवरी 2005 तक जिले के नरवाना विधानसभा क्षेत्र से विधायक और प्रदेश के सीएम रहे। उनसे पहले 1991 में जींद जिले से भजनलाल सरकार में बीरेंद्र सिंह, शमशेर सिंह सुरजेवाला, मांगेराम गुप्ता और बच्चन सिंह आर्य समेत चार-चार मंत्री थे।

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