चंडीगढ़, 23 अप्रैल (ट्रिन्यू)
हरियाणा में कोरोना से निपटने के लिए अब आर्मी के डॉक्टर और पैरा-मेडिकल स्टाफ प्रदेश में मोर्चा संभालेंगे। संक्रमण के लगातार बढ़ रहे मामलों को देखते हुए आर्मी ने हरियाणा सरकार को यह पेशकश की थी। सरकार ने इस मदद को तुरंत स्वीकार कर लिया है। अब जल्द ही आर्मी के डॉक्टरों एवं पैरा-मेडिकल स्टाफ की प्रदेश के अलग-अलग जिलों में तैनाती होगी।
दूसरी ओर, डीआरडीओ द्वारा पानीपत एवं हिसार में 500-500 बेड के विशेष कोविड अस्पताल स्थापित करने का फैसला पहले ही लिया जा चुका है। हरियाणा के वित्तायुक्त तथा राजस्व एवं आपदा प्रबंधन विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव संजीव कौशल ने शुक्रवार को आर्मी द्वारा दी गई पेशकश के बारे में जानकारी दी। उन्होंने बताया कि एस्कॉर्ट कंपनी द्वारा फरीदाबाद में ऑक्सीजन सहित 150 बेड की सुविधा मुहैया करवाई जाएगी।
सरकार ने सभी जिलों में आला अधिकारियों को इंचार्ज लगाया हुआ है। फरीदाबाद का जिम्मा कौशल के पास है। वीडियो कान्फ्रेंसिंग के जरिये फरीदाबाद के डीसी सहित अन्य अधिकारियों के साथ हुई बैठक में कौशल ने जिले में कोरोना से निपटने के प्रबंधों की समीक्षा की। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि वे कांट्रेक्ट ट्रेसिंग पर बल दें। हर माइक्रो कंटेनमेंट जोन की स्थापना के लिए अलग से नोडल अधिकारी नियुक्त किया जाए, जिससे वे पूरी निगरानी रख सकें।
ऑक्सीजन आपूर्ति को लेकर एक नोडल अधिकारी नियुक्ति किया जाएगा। नोडल अधिकारी को प्रत्येक निजी अस्पताल व सरकारी अस्पताल में जरूरत अनुसार ऑक्सीजन की आपूर्ति व कमी की जानकारी रखनी होगी। इस संबंध में निजी व सरकारी अस्पतालों के डॉक्टरों के साथ पूर्ण समन्वय स्थापित करते हुए उन्हें पूरी जानकारी भी मुहैया करवानी होगी। यदि अस्पताल में ऑक्सीजन की कमी आती है तो डॉक्टर नोडल अधिकारी से संपर्क कर सकते हैं। नोडल अधिकारियों को अपने जिले में 3 दिन की ऑक्सीजन की पूर्ति को बनाए रखना अनिवार्य होगा और राज्य में ऑक्सीजन के आवंटन की जानकारी भी रखनी होगी।
डीसी को दिए नियुक्ति के अधिकार
प्रदेश सरकार ने सभी जिलों के डीसी को डॉक्टरों एवं पैरा-मेडिकल स्टाफ की नियुक्ति के लिए अधिकृत किया है। अगर कहीं भी डॉक्टरों एवं पैरा-मेडिकल स्टाफ की जरूरत है तो डीसी कांट्रैक्ट आधार पर इनकी नियुक्ति कर सकेंगे। कौशल ने कहा कि सिविल सर्जन तथा निजी अस्पतालों के डॉक्टरों की एक कमेटी बनाई जाए, जो गंभीर मरीजों के एडमिट करने के संबंध में निर्णय ले सके कि किस अस्पताल में किस स्तर के मरीजों को दाखिल करना है।
प्राइवेट लैब्स को 24 घंटे में देनी होगी रिपोर्ट
सरकारी लैब में कोरोना की टेस्ट रिपोर्ट में हो रही देरी को देखते हुए सभी जिलों में प्राइवेट लैब को भी इसके लिए अधिकृत किया है। प्राइवेट लैब संचालकों को कोविड टेस्ट करते हुए मरीज को लिखित में देना होगा कि वे 24 घंटों के भीतर रिपोर्ट देंगे। इससे मरीज को परेशानी से बचाया जा सकता है। डीजी हेल्थ डॉ़ वीणा सिंह ने कहा कि वरिष्ठ अधिकारियों की रिपोर्ट के अनुसार, रेमडेसिविर की आर्टिफिशयल मांग और आर्टिफिशयल कमी को लेकर अफवाहें चल रही हैं। इसकी के चलते सभी सीएमओ को कहा है कि वे लोगों को इस बात के लिए संतुष्ट करें कि सरकारी अस्पतालों में न तो ऑक्सीजन की कमी है और न ही रेमडेसिविर की किल्लत है।