रेवाड़ी, 30 अप्रैल (हप्र)
दिल्ली-जयपुर हाईवे स्थित रामसिंहपुरा के 14 एकड़ भू-खंड में कचरे के निस्तारण के लिए बनाए गए डम्पिंग यार्ड में पिछले एक साल से लगी आग के कारण आसपास का वातावरण प्रदूषित हो रहा है। यहां रहने वाले ग्रामीणों का जीना दुश्वार बना हुआ है। ऐसे में राष्ट्रीय हरित ट्रिब्यूनल (एनजीटी) की मॉनिटरिंग कमेटी के चेयरमैन व हाईकोर्ट के पूर्व न्यायाधीश प्रीतमपाल उक्त प्लांट का निरीक्षण करने पहुंचे तो उन्हें एक साल से लग रही आग वाले स्थान पर ले जाने की बजाय, अन्य स्थान का निरीक्षण कराया गया। अपनी खामियों व लापरवाही को छिपाने के लिए चेयरमैन के पहुंचने के बाद दमकल कर्मी आग बुझाते दिखाई दिए। जब तक चेयरमैन प्लांट का दौरा करते रहे, तब तक दमकल विभाग की दो गाड़ियां आग बुझाने में लगी रही। चेयरमैन ने प्लांट का दौरा किया और ग्रामीणों की समस्याओं से अवगत हुए बिना ही लौट गए।
डम्पिंग यार्ड के आसपास रहने वाले ग्रामीणों ने एक साल से लग रही आग को लेकर कई बार संबंधित विभाग व उच्चाधिकारियों को अवगत कराया। उनका कहना है कि इस कचरे से उठ रहा दमघोटू धुआं अनेक बीमारियों को जन्म दे रहा है।
लोगाें को नहीं लगने दी आने की भनक
शनिवार को एनजीटी के चेयरमैन अचानक आए और उन्हें कानों कान खबर तक नहीं हुई। यहां तक कि इस बड़ी समस्या से उन्हें दूर रखा गया। उन्होंने कहा कि दमकल गाड़ियां आती हैं और पानी छिड़क कर चली जाती है। कुछ देर बाद फिर आग सुलग जाती है। यह सिलसिला पिछले एक साल से चल रहा है। यदि चेयरमैन से उनकी मुलाकात होती तो वे प्रशासन की पोल खोल कर रख देते। वे अब इसकी शिकायत लिखित में चेयरमैन से करेंगे। इस मौके पर मानेसर नगर निगम के संयुक्त आयुक्त ब्रह्मप्रकाश, रेवाड़ी नगर परिषद के जेई सोहन सिंह, बावल पालिका के एसडीएम संजीव कुमार, जेई हरीश कुमार, धारूहेड़ा पालिका के जेई सुनील कुमार मौजूद थे। इस मौके पर मौजूद कचरा निस्तारण एजेंसी के नितिन शर्मा व अजय शर्मा ने चेयरमैन को प्लांट की जानकारी दी।