Tribune
PT
Subscribe To Print Edition About the Dainik Tribune Code Of Ethics Advertise with us Classifieds Download App
search-icon-img
Advertisement

सीईटी परीक्षा के खिलाफ एक और याचिका खारिज

आयोग ने कहा - निष्पक्षता और पारदर्शिता से पूरी हो रही प्रक्रिया, जल्द जारी होगा परिणाम

  • fb
  • twitter
  • whatsapp
  • whatsapp
featured-img featured-img
पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट का फाइल फोटो
Advertisement
हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग (एचएसएससी) की तरफ से 26 और 27 जुलाई को आयोजित की गई कॉमन एलिजिबिलिटी टेस्ट (सीईटी) परीक्षा पर उठाए गए सवालों पर पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय ने एक और याचिका खारिज कर दी है। आयोग के सदस्य भूपेंद्र चौहान ने बताया कि यह याचिका एक अभ्यर्थी द्वारा दायर की गई थी, जिसमें आरोप लगाया गया था कि परीक्षा के दौरान उसके सहायक लेखक को बैठने की अनुमति नहीं दी गई।

आयोग चेयरमैन हिम्मत सिंह ने भी अपने फेसबुक पेज पर हाईकोर्ट के इस फैसले का खुलासा किया है। जांच में यह तथ्य सामने आया कि अभ्यर्थी ने अपने ऑनलाइन आवेदन पत्र में सहायक लेखक के लिए ‘नहीं’ विकल्प चुना था। नियमों के अनुसार, ऐसी स्थिति में सहायक लेखक की अनुमति नहीं दी जाती। इसके बावजूद अभ्यर्थी के हित में आयोग ने मौके पर उसे सहायक लेखक उपलब्ध करवाने की अनुमति दी थी, लेकिन स्वास्थ्य कारणों का हवाला देते हुए सहायक लेखक ने स्वयं परीक्षा देने से इनकार कर दिया। इसके बाद अभ्यर्थी अदालत पहुंचा, परंतु उच्च न्यायालय ने तथ्यों के आधार पर आरोपों को निराधार मानते हुए याचिका को खारिज कर दिया।

Advertisement

रिजल्ट जल्द, अभ्यर्थी न करें चिंता

Advertisement

आयोग सदस्य चौहान ने कहा कि परीक्षा प्रक्रिया पूरी तरह निष्पक्ष और पारदर्शी तरीके से पूरी की जा रही है। रिज़ल्ट में देरी या पुनः परीक्षा कराने की नीयत से कुछ लोग अदालत का दरवाजा खटखटा रहे हैं। लेकिन अब तक दायर अधिकांश याचिकाएं निराधार साबित हुई हैं और अदालत द्वारा खारिज की जा चुकी हैं। उन्होंने स्पष्ट किया कि अभ्यर्थियों को किसी भी प्रकार की चिंता करने की जरूरत नहीं है और आयोग जल्द ही परिणाम घोषित करेगा।

पहले भी उठ चुके हैं सवाल

गौरतलब है कि हरियाणा में सीईटी परीक्षा, ग्रुप-सी और ग्रुप-डी भर्तियों के लिए अनिवार्य है। पिछली बार भी इस परीक्षा पर सवाल उठे थे और कई अभ्यर्थियों ने कदाचार व अव्यवस्थाओं का आरोप लगाते हुए अदालत का दरवाजा खटखटाया था। हालांकि अधिकांश मामलों में अदालत ने आयोग की प्रक्रिया को सही माना और याचिकाओं को खारिज कर दिया। इस बार भी परीक्षा संपन्न होने के बाद लगातार कुछ याचिकाएं दायर की गईं, जिन्हें अदालत तथ्यों के आधार पर नकार चुकी है।

Advertisement
×