विवेक बंसल/निस
गुरुग्राम, 29 मार्च
उद्योग नगरी मानेसर में मंगलवार को जापानी कंपनी के बाहर धरने पर बैठे कर्मचारियों ने खूब बवाल काटा। इस कंपनी (जेएनएस) में मारुति कार के स्पीडोमीटर बनाए जाते हैं। बताया जाता है कि यहां के कुछ कर्मचारी पिछले कुछ दिनों से अपनी मांगों को लेकर धरना दे रहे थे। मंगलवार को उन्होंने अन्य कर्मचारियों से भी साथ आने को कहा। वे नहीं आए तो उन्होंने कर्मचारियों को लाने-ले जाने वाली बसों में तोड़फोड़ की और एक बस को फूंक दिया। बताया जाता है कि तोड़फोड़ और आगजनी पुलिस के सामने हुई। कुछ लोग पुलिस को संयमित कह रहे हैं तो अनेक लोग इसे कमजोरी बता रहे हैं।
प्राप्त जानकारी के अनुसार आईएमटी इंडस्टि्रयल एरिया सेक्टर-3 में लगभग 1500 कर्मचारी हैं। इनमें से कुछ कर्मचारियों का अपनी मांगों को लेकर पिछले कुछ दिनों से धरना-प्रदर्शन चल रहा था। चूंकि ज्यादातर कर्मचारी काम कर रहे थे तो उन्हें लाने-ले जाने वाली बसें भी लगी हुई थीं। मंगलवार को जब बसें पहुंचीं तो धरने पर बैठे लोगों ने उनमें बैठे कर्मचारियों से साथ होने को कहा। जब उनकी मांगें नहीं मानीं गयीं तो धरनारत गुस्साए कर्मचारियों ने बसों पर हमला बोल दिया। इस तोड़फोड़ में दो बसें क्षतिग्रस्त हो गईं। इसी बीच उन्होंने एक बस को आग के हवाले कर दिया। बस में आग की सूचना से अफरातफरी मच गयी। अतिरिक्त पुलिस बल की तैनाती के साथ ही फायर ब्रिगेड की कुछ गाड़ियों ने आग पर काबू पाया।
धारा 144 के बाद भी प्रदर्शन, कई गिरफ्तार
प्राप्त जानकारी के मुताबिक धरनारत कर्मचारियों के चलते इलाके में धारा 144 लगा दी गयी थी। इसके बावजूद हड़ताली कर्मचारी कंपनी के गेट पर आ गए। सूचना मिलने पर ड्यूटी मजिस्ट्रेट नायब तहसीलदार अजय कुमार मौके पर पहुंचे। उन्होंने और पुलिस अधिकारियों ने कर्मचारियों को चेतावनी भी दी थी। चेतावनी का असर न होने एवं मचे बवाल को देखते हुए 15 से 20 लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गयी है। कई गिरफ्तारियां हुई हैं।
‘कर्मचारियों का रवैया गलत’
आईएमटी इंडस्टि्रयल एसो. के अध्यक्ष पवन यादव ने कर्मचारियों के रवैये की घोर निंदा की है। उन्होंने कहा कि ऐसे विद्रोह को बर्दाश्त नहीं किया जा सकता। कर्मचारी और कंपनी परिवार की तरह हैं। परिवार के ही लोग एक-दूसरे को ऐसे नुकसान पहुंचाने लगेंगे तो इससे नुकसान ही होगा।