ट्रिब्यून न्यूज सर्विस
चंडीगढ़, 27 अक्तूबर
हरियाणा सरकार के हालिया कुछ फैसले प्रदेश की आईएएस-आईपीएस लॉबी में टकराव का कारण बनते दिख रहे हैं। आईएएस-एचसीएस कैडर के पदों पर आईपीएस-एचपीएस सहित दूसरी सेवाओं के अधिकारियों की नियुक्ति से यह स्थिति बनी है। बेशक, खुफिया विभाग ने इस ‘नाराज़गी’ के बारे में सरकार को सूचित भी कर दिया होगा, लेकिन फिर भी सरकार पीछे हटने की बजाय इस दिशा में लगातार आगे ही कदम बढ़ा रही है।
वहीं दूसरी ओर, कई मंत्रियों में भी उनके विभागों में आईएएस की जगह दूसरी सेवाओं के अधिकारियों की तैनाती से अंदरखाते नाराज़गी है। खबरें तो यह भी हैं कि कुछ मंत्रियों ने आपस में ‘गुफ्तगू’ भी शुरू कर दी है। आमतौर पर ‘खाकी’ से जुड़े अधिकारियों की ड्यूटी पुलिस विभाग में ही रहती थी लेकिन भाजपा सरकार ने प्रदेश में नया प्रयोग शुरू किया है। सीएम मनोहर लाल खट्टर ने अपने पहले कार्यकाल में ही इसकी शुरूआत कर दी थी, जो अब दूसरे कार्यकाल में काफी बढ़ गई है।
सीएमओ में पीएस, एपीएस, डीपीएस, ओएस व एडवाइजर पदों पर नियुक्तियां अभी तक के सभी मुख्यमंत्री करते रहे लेकिन ऐसा पहली बार हुआ था जब मुख्यमंत्री ने एक साथ अपने लिए दो एडीसी नियुक्त किए थे। आईएफएस अधिकारी आलोक वर्मा और आईपीएस रजनीश गर्ग का सीएम ने अपना एडीसी नियुक्त किया। आमतौर पर राज्यपाल के साथ ही एडीसी की नियुक्ति होती है। खट्टर सरकार के पहले कार्यकाल की शुरूआत में सीआईडी चीफ नियुक्त किए गए 1989 बैच के आईपीएस शत्रुजीत कपूर शुरू से ही सीएम की ‘गुड बुक’ में रहे हैं। फरवरी-2016 के जाट आरक्षण आंदोलन के बाद उन्हें सीआईडी से हटा दिया गया, लेकिन सीएम के ‘विश्वासपात्रों’ में होने के चलते सरकार ने उन्हें बिजली कंपनियों का सीएमडी नियुक्त किया। वे लगातार लगभग साढ़े 4 वर्षों तक बिजली निगमों में रहे। अब उन्हें ट्रांसपोर्ट डिपार्टमेंट का प्रिंसिपल सेक्रेटरी नियुक्त किया है। कपूर से पहले इस पद पर आईएएस अधिकारी ही नियुक्त होते रहे हैं। कपूर के ट्रांसपोर्ट डिपार्टमेंट में आने के संकेत उसी समय मिल गए थे, जब पिछले सप्ताह सरकार ने हरियाणा पुलिस सेवा के सात अधिकारियों की एंट्री ट्रांसपोर्ट में की थी।
आईएएस व एचसीएस लॉबी में सरकार के इन फैसलों से काफी नाराज़गी है। खुलकर बेशक कोई न बोले लेकिन अंदरखाते हर किसी को ताजा नियुक्तियों से काफी परेशानी है। दबी जुबान में आईएएस लॉबी ने अपना विरोध भी दर्ज करवाना शुरू कर दिया है। माना जा रहा है कि आने वाले दिनों में आईएएस-आईपीएस लॉबी में टकराव और भी बढ़ सकता है। एक वरिष्ठ आईएएस अधिकारी का तो यहां तक कहना है कि इस पूरे मुद्दे पर आईएएस एसोएिशन को स्टैंड लेना चाहिए।
ये विभाग निकले आईएएस के हाथों से
ट्रांसपोर्ट डिपार्टमेंट के अलावा खेल एवं युवा मामले, पर्यटन तथा माइनिंग विभाग आईएएस के हाथों से निकल चुका है। परिवहन में शत्रुजीत कपूर की तरह ही 1989 बैच के आईआरएस अफसर योगेंद्र चौधरी को खेल एवं युवा मामले विभाग का प्रधान सचिव लगाया हुआ है। 1989 बैच के ही आईएफएस एमडी सिन्हा जो अभी तक हिपा गुरुग्राम में एडिशनल डायरेक्टर थे को अब टूरिज्म डिपार्टमेंट का प्रधान सचिव भी नियुक्त किया है। सिन्हा से पहले पिछले सप्ताह ही हरियाणा लोकसेवा आयोग के चेयरमैन नियुक्त किए गए आईएफएस अधिकारी आलोक वर्मा पर्यटन विभाग के प्रधान सचिव रह चुके हैं। बिजली निगमों में आईपीएस लॉबी का दखल बना रहे, इसके लिए सरकार ने 2006 बैच के आईपीएस शशांक आनंद को शत्रुजीत कपूर की जगह उत्तरी हरियाणा बिजली वितरण निगम का प्रबंध निदेशक लगाया है। इसी तरह से आईपीएस अधिकारी अमिताभ ढिल्लों को सरकार ने पहले ही माइनिंग विभाग का निदेशक लगाया हुआ है।
योगेंद्र चौधरी की नहीं गली दाल
आईआरएस अधिकारी योगेंद्र चौधरी की गठबंधन सरकार की शुरूआत में ‘दिल्ली दरबार’ के चलते सीएम के अतिरिक्त प्रधान सचिव के तौर पर सीएमओ में एंट्री हुई। चर्चा तो उन्हें प्रधान सचिव बनाए जाने की भी थी लेकिन उन्हें एपीएस से भी हटा दिया है। हालांकि वे सीएमओ में बने रहेंगे लेकिन रिसोर्स मोबेलाइजेशन सैल के एडवाइजर के तौर पर। खेल के साथ-साथ विदेशी सहयोग विभाग के प्रधान सचिव का दायित्य भी उनके पास रहेगा। एडीजीपी और वर्तमान में फरीदाबाद के पुलिस आयुक्त ओपी सिंह को भी सरकार ने सीएमओ में रहते हुए खेल एवं युवा मामले विभाग का प्रधान सचिव लगाया था, लेकिन उन्होंने इस पद को स्वीकार नहीं किया। राज्य के खेल मंत्री संदीप सिंह हैं, जो राजनीति में आने से पहले हरियाणा पुलिस में डीएसपी पद पर रहे।
इस तरह बदला आरटीए का स्वरूप
रीजनल ट्रांसपोर्ट अथॉरिटी (आरटीए) में बढ़ते भ्रष्टाचार को खत्म करने के नाम पर सरकार ने जिलों के एडीसी से यह जिम्मा वापस लिया। आमतौर पर आरटीए सचिव पद पर आईएएस-एचसीएस अधिकारी लगते रहे लेकिन अब यहां भी इस लॉबी के वजूद को कम कर दिया है। हिसार में डीएफओ रहे आईएफएस सुशील कुमार को हिसार आरटीए का सचिव लगाया गया है। हरियाणा वन सेवा (एचएफएस) के अधिकारी व झज्जर के डीएफओ रहे संदीप गोयत को आरटीए रोहतक का सचिव लगाया हुआ है। इतना ही नहीं, मंडल रोजगार अधिकारी अर्मिल श्योकंद को आरटीए कुरुक्षेत्र तो रोजगार विभाग में डिप्टी डायरेक्टर दर्शना भारद्वाज को चरखी दादरी आरटीए में सचिव सरकार लगा चुकी है।
ये पुलिस अफसर बने पावरफुल
प्रदेश में ऐसा पहली बार हुआ है जब किसी एचपीएस अधिकारी को रोडवेज का जीएम नियुक्त किया है। अंबाला में डीएसपी रहे मनीष सहगल अब अंबाला रोडवेज डिपो के महाप्रबंधक हैं। इसी तरह से हरियाणा पुलिस सेवा (एचपीएस) के छह अधिकारियों को सरकार ट्रांसपोर्ट डिपार्टमेंट में जगह मिली है। जितेंद्र गहलावत को आरटीए फरीदाबाद, धरना यादव को आरटीए गुरुग्राम, गजेंद्र सिंह को आरटीए रेवाड़ी, अंग्रेज सिंह को आरटीए भिवानी, हीरा सिंह को आरटीए सिरसा तथा वीरेंद्र सिह को आरटीए महेंद्रगढ़ का सचिव नियुक्त किया गया है।