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मनीषा हत्याकांड को लेकर महापंचायत में दिखा आक्रोश...‘गरीब की बेटी थी, इसलिए नहीं सुनी’

लोहारू के ढाणी लक्ष्मण गांव निवासी 19 वर्षीय शिक्षिका मनीषा की निर्मम हत्या के चार दिन बाद भी न्याय न मिलने से लोगों में आक्रोश है। परिजनों ने शनिवार को भी मनीषा का शव लेने से इनकार कर दिया। वहीं,...
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भिवानी के ढिगावा में महापंचायत में बोलते विधायक राजबीर फरटिया। -हप्र
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लोहारू के ढाणी लक्ष्मण गांव निवासी 19 वर्षीय शिक्षिका मनीषा की निर्मम हत्या के चार दिन बाद भी न्याय न मिलने से लोगों में आक्रोश है। परिजनों ने शनिवार को भी मनीषा का शव लेने से इनकार कर दिया। वहीं, भिवानी और चरखी दादरी जिलों के गांवों के लोगों ने ढिगावा मंडी मोड़ पर महापंचायत कर सरकार और पुलिस प्रशासन के खिलाफ गुस्सा जाहिर किया। महापंचायत में मौजूद लोगों ने सवाल उठाए कि मृतका मनीषा गरीब की बेटी थी। गरीब की कौन सुनता है। यही बेटी किसी मंत्री की होती तो हत्यारों कब के गिरफ्तार हो चुके होते। लोगों ने सीएम नायब सैनी की कार्रवाई को नाकाफी बताते हुए लापरवाह पुलिस अधिकारियों को सिर्फ सस्पेंड नहीं, बल्कि बर्खास्त करने की मांग की।

गौरतलब है कि मनीषा 11 अगस्त को संदिग्ध हालात में लापता हुई थी। 13 अगस्त को सिंघानी गांव के खेतों में उसका गला कटा शव मिला, जिसके चेहरे पर तेजाब डाला गया था। परिजनों ने आरोप लगाया कि गुमशुदगी के वक्त ही पुलिस ने गंभीरता दिखाई होती, तो मनीषा की जान बच सकती थी। परिजनों ने पुलिस पर लापरवाही के आरोप लगाए थे और अगले दिन हत्यारों की गिरफ्तारी होने तक शव लेने से मना कर दिया था। परिजनों का कहाना है कि जब तक आरोपी पकड़े नहीं जाते, तब तक शव नहीं लिया जाएगा। मनीष का शव मोर्चरी में रखा है और हर रोज पंचायतें हो रही है। महापंचायत में शामिल लोहारू विधायक राजबीर फरटिया ने कहा कि यह सिर्फ एक लड़की का मामला नहीं, बल्कि पूरे समाज की बेटियों की सुरक्षा का सवाल है। पुलिस समय रहते कार्रवाई करने में पूरी तरह नाकाम रही। उन्होंने अनिश्चितकालीन धरने में शामिल होकर पीड़ित परिवार को हरसंभव मदद का आश्वासन दिया। वहीं, पूर्व मंत्री जेपी दलाल ने कहा कि सरकार इस मामले को गंभीरता से ले रही है और दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा। द सीएम इस मामले को संज्ञान में लिए हुए हैं। वहीं, रोहतक रेंज के आईजी वाई. पूर्ण सिंह ने बताया कि हत्या की जांच जारी है और सभी तकनीकी पहलुओं पर काम हो रहा है। विसरा रिपोर्ट का इंतजार है, जिससे असली कारणों का खुलासा होगा।

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परिजन बोले- हत्यारों की गिरफ्तारी तक नहीं होगा अंतिम संस्कार

लोहारू (निस) :

19 वर्षीय शिक्षिका मनीषा की जघन्य हत्या ने पूरे क्षेत्र को झकझोर दिया है। ढिगावा गांव में तीन दिन से चल रहे धरने में हजारों लोग पहुंचे। बाजार बंद, कैंडल मार्च और पदयात्राओं से आमजन मनीषा को न्याय दिलाने की मांग कर रहे हैं। लोहारू, बहल, ढिगावा, ईश्वरवाल सहित कई कस्बों के लोगों ने बाजार बंद रखे। अनेक महिला संगठन भी धरने में पहुंचे। इधर लोहारू में कुछ लोगों ने नेशनल हाइवे 709 ई को आधे घंटे के लिए जाम कर दिया जिसे बाद में पुलिस ने खुलवा दिया। इस मामले में मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने संज्ञान लेते हुए लोहारू के एसपी मनबीर सिंह का तबादला कर सुमित कुमार को नया एसपी नियुक्त किया है। धरने को जेजेपी नेता विजय गोठरा, कांग्रेसी नेता सोमबीर सिंह आदि ने भी संबोधित किया। थाने के एसएचओ अशोक को लाइन हाजिर किया गया है, जबकि महिला एएसआई शकुंतला, ईआरवी के ईएसआई अनूप, कांस्टेबल पवन और एसपीओ धर्मेंद्र को सस्पेंड कर दिया गया है। कमेटी के सदस्य एडवोकेट अशोक आर्य ने बताया कि मनीषा के शव का रोहतक पीजीआई में दोबारा पोस्टमार्टम कराया गया है। रिपोर्ट आनी बाकी है। परिजनों ने ऐलान किया है कि जब तक हत्यारे पकड़े नहीं जाते, वे बेटी का अंतिम संस्कार नहीं करेंगे। धरना कमेटी ने पुलिस को 48 घंटे का अल्टीमेटम दिया है। चेतावनी दी गई है कि यदि दोषियों की गिरफ्तारी नहीं हुई, तो आंदोलन और तेज किया जाएगा।

हत्याकांड से दहला प्रदेश, बेटियों की सुरक्षा के लिए चिंतित लोग : हुड्डा

बहादुरगढ़ (निस) :

पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा कि मनीषा हत्याकांड ने पूरे प्रदेश को दहला कर रख दिया है। तमाम दोषियों की जल्द गिरफ्तारी और पीड़ित परिवार के लिए न्याय मांग रहे हैं। हमारी मांग है कि दोषियों को कड़ी से कड़ी सजा मिलनी चाहिए, ताकि भविष्य में कोई भी अपराधी ऐसी वारदात को अंजाम देने के बारे में सोच ना पाए। हुड्डा बहादुरगढ़ में पत्रकारों से बातचीत कर रहे थे। इस मौके पर उन्होंने कहा कि बहादुरगढ़ समेत पूरे प्रदेश में कानून व्यवस्था का जनाजा निकल चुका है। यहां व्यापारियों को रोज धमकियां मिल रही हैं। हुड्डा ने कहा कि मनीषा हत्याकांड के बाद हर परिवार अपनी बहन-बेटियों की सुरक्षा को लेकर चिंतित है। इस अपराध में सिर्फ दोषियों की दरिंदगी ही नहीं, बल्कि कानून व्यवस्था की विफलता भी साफ देखने को मिली है।

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