कैथल, 5 मई (हप्र)
नगर परिषद द्वारा चारे के टोके बंद करने के निर्णय के बाद टोका संचालकों और चारा उत्पादक किसानोंं में भारी गुस्सा है। कुछ दिन पूर्व नगर परिषद ने टोका संचालकों को टोके बंद करने का नोटिस दिया था। इस प्रकार के नोटिस आने के बाद किसानों व टोका संचालकों में रोष है।
इसी बात से गुस्साये किसान व टोका संचालक चारे से भरी हुई ट्रालियां लेकर लघु सचिवालय पहुंचे। टोका संचालकों की मांग है कि टोकों को बंद न किया जाए क्योंकि यह उनके रोजगार का साधन हैं, जिससे उनके परिवारों का लालन-पालन होता है। टोका संचालकों का आरोप है कि नगर परिषद उनकी रोजी-रोटी पर संकट डाल रही है। इस स्थिति में यदि उनकी दुकानों पर ताले लटके तो वे अपना गुजारा कैसे कर पाएंगे। टोका संचालक प्रमोद धीमान ने बताया कि शहर में चारा बेचने के लिए प्रतिदिन 50 से अधिक चारे की ट्रालियां पहुंचती हैं। इसमें एक ट्राली में छह से सात हजार रुपये का चारा होता है।
यह टोके कर्मिशयल हैं। यहां से लोग राशि देकर चारा खरीदते हैं। इन टोकोंं के आस-पास बेसहारा पशुओं की भरमार होने की स्थिति में नगर परिषद ने टोके बंद करने का निर्णय लिया है। लघु सचिवालय पहुंचे टोका संचालक उपायुक्त से मिलना चरहते थे, लेकिन उनकी अनुपस्थिति में उनकी बात डीएसपी विवेक चौधरी से हुई। वहां पहुंचे मंडी सेक्रेटरी सतबीर राविश से टोका संचालकों से आह्वान किया कि वे अपने लाइसेंस बनवाएं। इसके बाद टोका धारकों ने अपनी मांगों का एक ज्ञापन नायब तहसीलदार को सौंपा।