करनाल, 7 जून (हप्र)
गठबंधन सरकार से नाराज आंगनवाड़ी वर्करों ने निकाय चुनावों में सत्तारूढ़ दलों के प्रत्याशियों का विरोध करने का ऐलान किया है। आंगनवाड़ी वर्कर एवं हेल्पर यूनियन की जिला प्रधान रुपा राणा ने बताया कि यूनियन की तालमेल कमेटी ने फैसला लिया है कि निकाय चुनाव से पहले 12 से 18 जून तक कस्बों में जाकर भाजपा-जजपा के उम्मीदवारों का डोर टू डोर जाकर विरोध करेंगे। वह आम जनता को बताएंगे कि हरियाणा सरकार झूठी सरकार है। सरकार की करनी और कथनी में जमीन-आसमान का अंतर है। उन्होंने कहा कि हरियाणा सरकार ने आंगनवाड़ी वर्करों की चार महीने से चल रही हड़ताल को 5 अप्रैल को यह आश्वासन देकर खत्म करवाया था कि हड़ताल के दौरान सैकड़ों बर्खास्त वर्करों-हेल्परों को एक सप्ताह में बहाल कर दिया जाएगा। हड़ताल व टर्मिनेशन के समय का मानदेय 100 रुपए प्रति माह काटकर दे दिया जाएगा। हड़ताल के दौरान के सभी केस रद्द कर दिए जाएंगे। मीटिंग में मानी गई सभी मांगों के पत्र भी एक सप्ताह में जारी कर दिए जाएंगे, लेकिन हड़ताल खत्म होने के दो महीने बाद भी एक भी मांग को लागू नहीं किया गया।
मानदेय भी नहीं दिया गया
यूनियन सचिव बिजनेश राणा ने कहा कि हड़ताल के दौरान बर्खास्त होने के कारण पिछले छह महीने से वर्करों हेल्परों को मानदेय नहीं मिला है। स्कूलों की फीस न देने के कारण स्कूलों से बच्चो के नाम तक कट गए हैं। कर्मचारी नेता कैशियर सतपाल सैनी, ओपी माटा व जगपाल राणा ने भी हरियाणा सरकार व महिला एवं बाल विकास परियोजना की मैनेजमेंट की वायदा खिलाफी रोष व्यक्त किया।