करनाल, 4 अप्रैल (हप्र)
नवरात्रों में माता रानी की जय जयकार हो रही है, लेकिन प्रदेश की हजारों आंगनवाड़ी वर्कर लू के थपेड़ों के बीच हर रोज भूखी प्यासी बैठे रहने को मजबूर हैं। वो चाहती हैं कि उनके घर-मंदिर में भी गूंजे चलो बुलाया आया है, लेकिन सरकार ने बुलाया है, लेकिन आज तक उन्हें कोई न्योता नहीं मिला।
बीते करीब 4 महीने से आंगनवाड़ी केन्द्रों की प्रदेशव्यापी हड़ताल के कारण वर्करों के चूल्हे चौके ठंडे पड़े हैं। सरकार को जगाने के लिए उन्होंने थाली बजाई। शहर में चंदा भी मांगा। सरकार ने बजट सत्र से पहले दो तीन बार वार्ता के लिए बुलाया। आश्वासन दिया गया कि सत्र खत्म होते ही हड़ताल भी खत्म करवा दी जाएगी। इस बीच विपक्ष के कई बड़े दिग्गज भी आंगनवाड़ी वर्करों के मंच पर आकर फोटो खिंचवा गये, लेकिन कार्रवाई के नाम पर ढाक के तीन पात। आंगनवाड़ी वर्कर सुनीता भौजी, राजरानी धानोखेड़ी, सुनीता जनेसरो, उषा, कृष्णा, कुलजीत कौर, प्रमजीत कौर, मनजीत चौरा, सुदेश, भतेरी व सलोचना जाणी क्रमिक अनशन पर बैठी। इस दौरान जिला प्रधान रूपा राणा, मधु शर्मा व सचिव बिजनेश राणा ने सरकार को आगाह करते हुए कहा कि हरियाणा सरकार अपने वादे के अनुसार सभी वर्करों और हेल्परों को बहाल करे अन्यथा देवियों का यह रोष सरकार के लिए घातक होगा। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने 17 मार्च को संयुक्त किसान मोर्चा व आंगनवाड़ी की तालमेल कमेटी को आशवासन दिया था कि 22 मार्च को विधानसभा का सत्र खत्म होते ही वर्करों को मांगों को हल करने व हड़ताल खत्म करने पर ठोस निर्णय लेकर हड़ताल को समाप्त करवा दिया जाएगा। लेकिन सरकार की तरफ से अब तक बातचीत करने का कोई प्रयास नही किया गया।
सात तक करेंगे इंतजार
अपनी मांगों पर अडिग आंगनवाड़ी वर्कर व हेल्पर यूनियन ने आज भी डीसी कार्यालय पर जोरदार प्रदर्शन किया। उन्होंने डीसी से अपील की कि वह सरकार को वादा याद दिलाकर बातचीत का समय दिलवाएं ताकि आंगनवाड़ी की लंबी हड़ताल को समाप्त करवाया जा सके। यदि सरकार सात अप्रैल तक बातचीत करके आंदोलन को समाप्त नहीं करवाती तो आठ अप्रैल को संयुक्त किसान मोर्चा सहित हरियाणा के दर्जनों संगठन सड़क पर आ जाएंगे। इस अवसर पर मधु शर्मा, नीलम, रीना, संतोष, ममता, बबीता, रीना, रेखा, नरेश, पिंकी, सरिता, मीनाक्षी, शीला उमरपुर, राजरानी, उमा शर्मा, सुनीता, सरोज व सुष्मा शर्मा ने वर्करों को संबोधित किया।