हिसार, 9 नवंबर (हप्र)
आंगनवाड़ी केन्द्रों को निजी एनजीओ के अधीन करने के विरोध में तथा वर्ष 2018 में किया गया समझौता लागू करवाने की मांग पर आंदोलन कर रही आंगवाड़ी वर्कर व हेल्पर यूनियन ने आंदोलन के 40वें दिन सरकार के खिलाफ नया फैसला लिया है। यूनियन के नेतृत्व में आंगनवाड़ी महिलाओं ने गीतों के माध्यम से सचिवालय में आने-जाने वालों का ध्यान खींचने व उन्हें सरकार की वादाखिलाफी से अवगत करवाने का निर्णय लिया है। इसके साथ ही जनता को निजीकरण के नुकसान से भी अवगत करवाया जाएगा।
आंगनवाड़ी वर्कर एवं हेल्पर यूनियन की जिला प्रधान बिमला राठी ने बताया कि लगभग सवा माह बाद भी सरकार के आंख व कान बंद हैं। ऐसे में अब आंगनवाड़ी महिलाएं भी अपने आंदोलन को नये सिरे से तेज करेंगी। आंगनवाड़ी महिलाएं धरनास्थल पर गीतों के माध्यम से लघु सचिवालय में आने-जाने वालों को सरकार की वादाखिलाफी से अवगत करवाएंगी। उन्हें बताया जाएगा कि सरकार ने वर्ष 2018 में आंगनवाड़ी महिलाओं के लंबे आंदोलन के बाद समझौता करके अनेक मांगे मानते हुए समस्याएं दूर करने का आश्वासन दिया था लेकिन लगभग तीन वर्ष बाद तक भी समझौता लागू नहीं किया है। ऐसे में गीतों के माध्यम से सरकार की वादाखिलाफी को जनता तक पहुंचाया जाएगा। इसी तरह आंगनवाड़ी केन्द्रों को निजी एनजीओ के अधीन करने से नौनिहालों की शिक्षा प्रभावित होगी, यहां तक की शिक्षा की नींव ही कमजोर हो जाएगी। ऐसे में आंगनवाड़ी महिलाएं गीतों के माध्यम से निजीकरण के नुकसान से भी जनता को अवगत करवाएंगी। धरने के 40वें दिन की अध्यक्षता कमलेश बूरा राजली ने की जबकि संचालन खरक पूनिया से कलावती व बालावास से पूनम ने किया।