हरेंद्र रापड़िया/निस
सोनीपत, 28 जुलाई
नये कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन कर रहे संयुक्त किसान मोर्चा की ओर से निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार बुधवार को झमाझम बारिश के बीच कुंडली बॉर्डर से 200 किसानों ने दिल्ली के जंतर-मंतर पर पहुंचकर समानंतर ‘किसान संसद’ लगाई। बारिश के बीच किसान संसद के 5वें दिन कांट्रैक्ट खेती कानून पर बहस हुई और इसे अलोकतांत्रिक और असंवैधानिक करार दिया गया।
बुधवार सुबह करीब 9 बजे कुंडली बॉर्डर से किसान 5 बसों और एक एंबुलेंस समेत 4 निजी वाहनों में दिल्ली के लिए रवाना हुए। जत्थे में किसान नेता बलदेव सिंह सिरसा और मंजीत राई समेत कई किसान नेता शामिल रहे। 5वें दिन किसान संसद की कार्यवाही चलाने के लिए स्पीकर और डिप्टी स्पीकर मनोनीत किए गए। 40 किसानों ने बहस में हिस्सा लिया।
आज की ‘किसान संसद’ का विषय कांट्रैक्ट खेती रहा। बहस में भाग लेने वाले कई सदस्यों ने कांट्रैक्ट खेती के साथ अपने अनुभव साझा किए। उन्होंने बताया कि किस तरह कंपनियां पहले तो किसानों के साथ कांट्रैक्ट कर लेती हैं और बाद में बहाने कर औछे हत्थकंडों पर उतर आती हैं। अंत में किसान को उनके साथ समझौता करना पड़ता है और वह अपनी उपज के लाभकारी मूल्यों से वंचित हो जाता है। उन्होंने संसद में मौजूद किसानों को बताया कि यह कानून कॉर्पोरेट खेती और संसाधन हथियाने को लेकर है। पर्यावरण गिरावट के अलावा, कांंट्रैक्ट खेती से खाद्य सुरक्षा पर संभावित खतरे पर भी चर्चा हुई। बृहस्पतिवार को भी इसी मुद्दे पर बहस होगी।
कुर्सियों के नीचे घुसा पानी
कुंडली बॉर्डर पर बुधवार तड़के करीब 3 बजे से बारिश शुरू हो गई थी और यह सिलसिला दिनभर चला। जंतर मंतर पर भी बारिश ने किसानों का पीछा नहीं छोड़ा। किसान संसद स्थल के आसपास पानी भर गया। इतना किसानों की कुर्सियों के नीचे पानी घुस, लेकिन किसान संसद की कार्यवाही जारी रखी गयी।
कानून किसानों को आजादी देने वाले : धनखड़
रोहतक (हप्र) : भाजपा प्रदेशाध्यक्ष ओमप्रकाश धनखड़ ने कहा कि एक अगस्त से 15 अगस्त तक प्रदेश में शहीद सम्मान तिरंगा यात्रा का आयोजन किया जाएगा। तिरंगा यात्रा प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र में ट्रैक्टर, साइकिल, मोटरसाइकिल से या पैदल निकाली जाएगी। धनखड़ स्थानीय प्रदेश भाजपा कार्यालय में पार्टी की बैठक के बाद पत्रकारों से बात कर रहे थे। उन्होंने आज किसान मोर्चा, अनुसचित जाति मोर्चा, महिला मोर्चा की प्रदेश कार्यकारिणी को लेकर विचार विमर्श किया गया। पूर्व सीएम अोपी चौटाला द्वारा किसानों के आंदोलन को समर्थन देने के सवाल पर धनखड़ ने कहा कि तीनों कृषि कानून किसानों को आजादी देने वाले हैं।