सोनीपत, 27 सितंबर (निस)
संयुक्त किसान मोर्चा के आह्वान पर किए गए भारत बंद का जिला में खासा असर देखने को मिला। जिला से गुजरने वाले नेशनल, स्टेट हाईवे के अलावा केजीपी-केएमपी एक्सप्रेस वे को किसानों ने करीब 10 घंटे तक बंद रखा जबकि सोनीपत में रेलवे ट्रैक पर भी किसान करीब 8 घंटे डटे रहे। जिला में 22 जगह किसानों ने बीच सड़क धरना दिया। शाम 4 बजे किसानों ने सभी रोड व ट्रैक खाली कर दिए मगर दिनभर वाहन चालकों को खासी परेशानी झेलनी पड़ी। वहीं, शहर के बाजार तो खुले रहे मगर ग्राहक नदारद रहे। सरकारी कार्यालयों में कार्यरत कर्मियों ने विभिन्न यूनियनों की अगुवाई में बंद में भाग लिया जिसके कारण नगर निगम, बिजली निगम, जनस्वास्थ्य विभाग, सिंचाई विभाग, बैंक व अन्य विभागों में कर्मचारियों की हाजिरी कम दिखी। हालांकि लघु सचिवालय में ज्यादातर कर्मचारी मौजूद रहे और कामकाज सुचारू चलता रहा।
बंद का असर स्कूल कॉलेजों पर भी दिखा और बच्चों से लेकर स्टाफ तक की हाजिरी 30-40 प्रतिशत तक रही। बंद में किसानों के अलावा विभिन्न कर्मचारी यूनियनों व ट्रेड यूनियनों ने बढ़चढ़ कर हिस्सा लिया।
इन सड़क मार्गों पर किसानों ने लगाया जाम
केजीपी-केएमपी के जीरो प्वाइंट पर ऊपर और नीचे, एचएच-44 पर अंतरराष्ट्रीय फल-फूल एवं बागवानी मंडी, हलदाना बॉर्डर, राई के पास, सोनीपत में जाहरी चौक के गोल चक्कर, गोहाना रोड पर हनुमान मंदिर, गोहाना रोड पर बड़वासनी, पुगथला रोड, खरखौदा में झरोठी रोड, रोहतक रोड पर सिसाना के पास, कंवाली टोल प्लाजा पर किसान ने बीच सड़क डेरा डालकर जाम लगाया। इसके अलावा गोहाना इलाके में भी अनेक स्थानों पर जाम लगाया।
रोडवेज ने चलाई 36 बसें, 7 जाम में फंसी
रोडवेज पर बंद का खूब असर दिखा। सोनीपत से पानीपत, रोहतक, गोहाना, बड़ौत, दिल्ली, जयपुर, आगरा, शिमला तथा सांपला आदि की ओर से जाने वाली बसें बंद रहीं। हालांकि रोडवेज द्वारा सुबह के समय 36 बसों का परिचालन किया गया जिनमें से 7 जाम में फंस गई। इसके बाद बाकी बसें रोक ली गई। ट्रेनों के रोके जाने के बाद यात्री बस अड्डे की तरफ जाने लगे मगर बसों का परिचालन न होने से यात्रियों को प्राइवेट वाहनों पर सहारा लेना पड़ा।