Tribune
PT
About the Dainik Tribune Code Of Ethics Advertise with us Classifieds Download App
search-icon-img
Advertisement

देवीलाल परिवार के चारों सदस्य हारे चुनाव, तीन की जमानत जब्त

दिनेश भारद्वाज/ट्रिन्यू चंडीगढ़, 4 जून हरियाणा के लोकसभा चुनावों के नतीजे भूतपूर्व डिप्टी पीएम चौ़ देवीलाल के परिवार के लिए अच्छे साबित नहीं हुए। चौटाला परिवार की दोनों पार्टियों – इनेलो व जजपा को इस चुनाव में राज्य के मतदाताओं...
  • fb
  • twitter
  • whatsapp
  • whatsapp
Advertisement

दिनेश भारद्वाज/ट्रिन्यू

चंडीगढ़, 4 जून

Advertisement

हरियाणा के लोकसभा चुनावों के नतीजे भूतपूर्व डिप्टी पीएम चौ़ देवीलाल के परिवार के लिए अच्छे साबित नहीं हुए। चौटाला परिवार की दोनों पार्टियों – इनेलो व जजपा को इस चुनाव में राज्य के मतदाताओं ने सिरे से नकार दिया है। सवा चार वर्षों से भी अधिक तक समय तक भाजपा के साथ गठबंधन में सरकार चलाने वाली जननायक जनता पार्टी का सभी दस लोकसभा सीटों पर शर्मनाक प्रदर्शन रहा है।

वहीं इनेलो को भी उस सभी सीटों पर बुरी हार का मुंह देखना पड़ा, जहां-जहां पार्टी ने अपने उम्मीदवार उतारे थे। ओवरआॅल वोट प्रतिशत को अगर देखें तो इनेलो ने जजपा को मिले 1 लाख 13 हजार 332 मतों के मुकाबले लगभग डबल यानी 2 लाख 26 हजार 806 वोट हासिल किए हैं। यह पहला लोकसभा चुनाव था, जिसमें देवीलाल परिवार के चार सदस्य चुनाव लड़ रहे थे। इनमें से तीन एक ही लोकसभा क्षेत्र में आमने-सामने ताल ठोक रहे थे। रणजीत सिंह को छोड़कर तीन की जमानत भी नहीं बच सकी। इनेलो के सामने पार्टी सिम्बल यानी चुनाव-चिह्न ‘चश्मा’ को बचाने की चुनौती थी लेकिन पार्टी इसमें कामयाब नहीं हो पाई। अब पार्टी का चुनाव-चिह्न जाने का खतरा बढ़ गया है। चुनाव-चिह्न को चुनाव आयोग द्वारा सीज कर दिया जाएगा। हालांकि एक तय समयसीमा तक कोई दूसरा दल इस पर क्लेम भी नहीं कर सकेगा। वहीं जजपा के लिए भी चुनाव के नतीजे अलार्मिंग रहे हैं। अगर आगे भी जजपा का प्रदर्शन ऐसा ही रहेगा तो उसके सामने भी सिम्बल बचाने की चुनौती होगी।

सिम्बल बचाने के लिए ही अभय सिंह चौटाला खुद कुरुक्षेत्र से चुनावी रण में उतरे थे लेकिन यहां के लोगों ने उन्हें स्वीकार नहीं किया। अभय चौटाला को उम्मीद से काफी कम करीब 79 हजार वोट हासिल हुए। इस सीट से जजपा के पालाराम सैनी को मात्र 6 हजार 182 वोट ही मिले। हिसार में देवीलाल पुत्र रणजीत सिंह भाजपा टिकट पर चुनाव लड़े। रणजीत सिंह ने कांग्रेस के जयप्रकाश को कड़ी टक्कर दी। लेकिन वे 63 हजार 381 मतों से चुनाव हार गए। हिसार में इनेलो प्रत्याशी सुनैना चौटाला को मात्र 22 हजार 303 और जजपा की नैना चौटाला को उनसे भी कम 22 हजार 32 वोट मिले। जजपा सुप्रीमो डॉ़ अजय सिंह चौटाला की पत्नी व पूर्व सीएम ओमप्रकाश चौटाला की पुत्रवधू नैना चौटाला बाढ़डा से जजपा विधायक हैं। इनेलो के सिरसा से उम्मीदवार संदीप लोट वाल्मीकि ने 92 हजार 453 वोट हासिल किए हैं। वहीं इस सीट पर जजपा प्रत्याशी व पूर्व विधायक रमेश खटक 20 हजार 80 मतों पर सिमट गए।

अंबाला में इनेलो के गुरप्रीत सिंह को 8837 तथा जजपा की डॉ़ किरण पूनिया को 6 हजार 16 वोट मिले। भिवानी में जजपा के प्रत्याशी व पूर्व विधायक राव बहादुर सिंह को मात्र 15 हजार 706 वोट हासिल हुए। फरीदाबाद लोकसभा में इनेलो के सुनील तेवतिया को 8085 तथा जजपा के नलिन हुड्डा को मात्र 5361 वोट मिले। इसी तरह से गुरुग्राम में इनेलो के सौरब खान को 4897 तथा जजपा उम्मीदवार व पॉप सिंगर राहुल यादव फाजिलपुरिया को 13 हजार 214 वोट प्राप्त हुए।

"मैं हिंदुस्तान के मतदाताओं पर गर्व करता हूं कि उन्होंने हमेशा देश को, संविधान को, लोकतंत्र को मजबूत करने के लिए वोट किया है। वहीं क्षमाप्रार्थी हूं कि सरकार और सदन में रहते हुए हम आपकी अपेक्षाओं पर खरे नहीं उतरे। संवाद और मतदान के माध्यम से हमेशा नई सीख देने वाली हरियाणा की महान जनता का आभार करता हूं।"

-दुष्यंत चौटाला, पूर्व िडप्टी सीएम

"हरियाणा की जनता द्वारा दिए जनादेश को हम सहर्ष स्वीकार करते हैं। विपक्ष में इनेलो का संगठन आज भी प्रदेश में सबसे मज़बूत है। जहां कांग्रेस का संगठन धरातल पर कहीं नहीं है वहीं आपसी लड़ाई भी बहुत ज़्यादा है। इन चुनावों में विरोधी लहर का फ़ायदा राष्ट्रीय पार्टी होने के कारण कांग्रेस को मिला और राष्ट्रीय मुद्दे होने के कारण जनता नें अपना मत उन्हें दिया।"

-अभय चौटाला, प्रधान महासचिव, इनेलो

Advertisement
×