सोनीपत, 4 फरवरी (हप्र)
अखिल भारतीय तकनीकि शिक्षा परिषद के सदस्य सचिव प्रो. राजीव कंसल ने कहा कि एआईसीटीई भविष्य में प्रायोगिक कार्यशाला कराने पर विशेष ध्यान देगी। इससे शोधार्थी व शिक्षक तकनीकी तौर पर ज्यादा मजबूत होंगे। उन्होंने कहा कि एआईसीटीई के कार्यक्रम में औद्योगिक क्षेत्र से विशेषज्ञ को आमंत्रित किया जाएगा। एआईसीटीई के सदस्य सचिव प्रो. कंसल डीसीआरयूएसटी मुरथल के कंप्यूटर साइंस इजीनियरिंग द्वारा इमेज प्रोससिंग एडं रिमोट सैसिंग पर आयोजित शार्ट टर्म कोर्स में बतौर मुख्यातिथि के तौर पर संबोधित कर रहे थे। कोर्स एआईसीटीई के सहयोग से कराया जा रहा है। कोर्स में राजस्थान, पंजाब, चंडीगढ, दिल्ली,उत्तराखंड व हरियाणा समेत 6 राज्यों से 71 प्रतिभागी भाग ले रहे थे। उन्होंने कहा कि 1982 में एक ही सेटेलाईट था, लेकिन अब 100 से अधिक रिमोट सेंसिंग के सेटेलाइट हैं। प्रो. कंसल ने कहा कि रिमोट सेंसिंग सेटेलाइट के माध्यम से पृथ्वी की इमेज ली जाती है, उसके बाद उसे इंजीनियर्स के पास भेज दिया जाता है, जिस पर इंजीनियर विश्लेषण करते हैं। सेटेलाइट की इमेज से हमें भविष्य में आने वाली संभावित आपदाओं के बारे में पता चल जाता है।