नवीन पांचाल/हप्र
गुरुग्राम, 12 अक्तूबर
शहर में लगाये 45 वाटर एटीएम अपनी स्थापना के बाद से सूखे पड़े हैं, लेकिन इन्हें लगाने वाली एजेंसी जमकर चांदी कूट रही है।
यात्रियों द्वारा बोतलबंद पानी के अधिक इस्तेमाल को ध्यान में रखते हुए शहर की विभिन्न सड़कों के किनारे स्वच्छ पेयजल उपलब्ध करवाने की योजना बनाई गई थी। इसके तहत एक कंपनी को 60 प्राइम लोकेशन पर वाटर एटीएम लगाने की अनुमति दी गई। एटीएम के लिए जमीन व पानी का कनेक्शन उपलब्ध करवाया गया, जबकि आरओ सिस्टम लगाकर पानी उपलब्ध करवाने की जिम्मेदारी कंपनी की थी। पानी के बदले रेट भी निर्धारित कर दिए गए। साथ ही कंपनी को एटीएम स्थलों पर विज्ञापन राइट्स दे दिए गए। 60 में से 45 स्थानों पर वाटर एटीएम बूथ स्थापित करके उन पर विज्ञापन चस्पां कर दिए गए। हैरत की बात यह है कि वर्ष-2019 से अब तक ज्यादातर वाटर एटीएम बूथ सूखे हैं। कई जगह बूथ के चारों ओर झाड़ियां उग गई, लेकिन ये सभी साइट विज्ञापन से गुलजार रहती हैं।
साइट पर नहीं मिले गार्ड
मेयर मधु आजाद कहती हैं कि मैने अलग-अलग समय पर ज्यादातर वाटर एटीएम का मुआयना किया लेकिन ये सूखे ही मिले। कई साइट पर तो गार्ड भी नहीं मिले।’ उन्होंने कहा कि कंपनी के खिलाफ कार्रवाई की जानी चाहिए। निगम की विज्ञापन कमेटी के चेयरमैन रविंद्र यादव का कहना है कि वाटर एटीएम पर विज्ञापन लगाकर एजेंसी चांदी कूट रही है लेकिन नगर निगम या शहर के लोगों को इनसे कोई लाभ नहीं हो रहा। जब ये काम ही नहीं कर रहे तो इन्हें हटवाया क्यों नहीं जा रहा।’
मामला मेरे संज्ञान में आ गया है। जब एजेंसी तीन साल में भी इन्हें चालू नहीं कर पाई तो इन्हें या तो हटवाया जाएगा या ये काम किसी दूसरी एजेंसी को दिया जाएगा। नियमानुसार इससे संबंधित एग्रीमेंट पर कार्रवाई की जाएगी।
-मुकेश कुमार आहूजा, कमिश्नर-एमसीजी